उत्तर प्रदेश में तीन चरणों में होने वाले नगर निकाय चुनाव शुरू हो गए. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने निकाय चुनाव में हिस्सा लेने वाले उम्मीदवारों के बारे में चौंकाने वाली जानकारियां दी हैं. एडीआर के यूपी इलेक्शन वॉच के मुख्य समन्वयक संजय सिंह की ओर से जारी आंकड़े में यह बात सामने आई है कि निकाय चुनाव में उम्मीदवारों की ओर से मतदाताओं को तोहफों की बारिश की जा रही है. आकड़ों से पता चला कि मेयर प्रत्याशियों में सबसे ज्यादा बीजेपी ने आपराधिक पृष्ठभूमि के और करोड़पति उम्मीदवारों को खड़ा किया है.
संजय सिंह ने बताया कि इस चुनाव में पढ़े-लिखे प्रत्याशियों की संख्या बढ़ी है. इस बार मेयर पद के लिए मैदान में उतरे 46 फीसदी उम्मीदवारों की शैक्षिक योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा है.
यूपी एडीआर के समन्वयक अनिल शर्मा ने बताया कि कई जगहों पर कई प्रत्याशियों ने जीतने के लिए जनता को उपहार का लालच देकर वोटरों को लुभाने की कोशिश की, जो आचार संहिता का उल्लंघन है. संजय सिंह का कहना है कि इस बार चुनाव में धन का उपयोग बढने के साथ उपहारों का चलन भी बढ़ा है. गोरखपुर में जहां मेयर पद के प्रत्याशी फुटबाल बांट रहे हैं तो वहीं झांसी में प्रत्याशी की ओर से बिरयानी बांटी जा रही है. मुरादाबाद में मतदाताओं को पीतल के बर्तन और लखनऊ के वार्ड 53 में दीवार घड़ी दी गई है. झांसी में उम्मीदवार ने ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से मतदाताओं को उपहार भेजा.
15 नगर निगमों में चुनाव लड़ रहे 195 मेयर पद के प्रत्याशियों में 20 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी के मेयर प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले हैं. अलीगढ़ के मेयर प्रत्याशियों का ब्यौरा उपलब्ध न होने के कारण उन्हें रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है. आपराधिक मुकदमें के हिसाब से आगरा के निर्दलीय प्रत्याशी चौधरी बशीर 6 मामलों के साथ सबसे ऊपर है.
उन्होंने बताया कि करोड़पतियों को टिकट देने के मामले में भी बीजेपी से सबसे आगे है. उत्तर प्रदेश में मेयर का चुनाव लड़ रहे 38 फीसदी प्रत्याशी करोड़पति हैं. आगरा से बीजेपी प्रत्याशी नवीन कुमार जैन 400 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे अमीर हैं, जबकि इसी पार्टी की इलाहाबाद से मेयर प्रत्याशी अभिलाषा 58 करोड़ रुपए के साथ दूसरे स्थान पर हैं. झांसी से बीएसपी के मेयर उम्मीदवार ब्रजेंद्र व्यास डमडम महाराज की कुल संपत्ति 37 करोड़ रुपए है.