व्यापमं: CM शिवराज को क्लीन चिट पर कपिल सिब्बल बोले, CBI अब कंप्रोमाइज ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन हो गई है

सीबीआई द्वारा वुधवार को विशेष अदालत में दाखिल की गई चार्ज शीट में पूर्व अनुमानित आशंका के अनुरूप मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को क्लीन चिट दे दी गई. सीएम को क्लीन चिट दिए जाने की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मोदीराज में सीबीआई ‘कम्प्रोमाइज ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन’ यानी समझौता जांच ब्यूरो बन गई है.
कांग्रेस ने कहा कि वह व्यापमं घोटाले के मामले में अदालत में निजी याचिका दायर कर जांचकर्ता की ही जांच करवाने का अनुरोध करेगी. बहुचर्चित व्यापमं मामले में सीबीआई ने मंगलवार को एक विशेष अदालत में अपना आरोप पत्र दाखिल किया था और इस आरोप को खारिज कर दिया था कि एक आरोपी से जब्त कंप्यूटर हार्डडिस्क में छेड़छाड़ की गई है, जिसमें सीएम के नाम का जिक्र था.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा, सीबीआई के पास बहुत से नाम थे और उसने व्यापमं पर अब जो कुछ कहा है उससे उसका नाम अब कंप्रोमाइज ब्यूरो ऑफ इंवेस्टीगेशन हो गया है. सिब्बल के साथ पार्टी के नेता विवेक तनखा तथा वरिष्ठ वकील एवं राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी भी मौजूद थे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मामले में भंडाफोड़ करने वालों का साथ देगी और जांचकर्ताओं की जांच करवाएगी.

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उन्होंने कहा, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में जांच एजेंसी एकपक्षीय ढंग से काम कर रही है और कानून का उल्लंघन कर रही है. आप इस बात को सोच सकते हैं कि ऐसे में लोकतंत्र का क्या होगा.

सिब्बल ने आरोप लगाया कि भंडाफोड़ करने वाले एक व्यक्ति ने अदालत में हलफनामा देकर यह दावा किया था कि एक आईटी विशेषज्ञ ने हार्ड डिस्क को खोला. इससे पहले इस हार्ड डिस्क के कंटेट को पेनड्राइव में लिया गया. इसे एक स्वतंत्र प्रयोगशाला में भेजा गया. इस प्रयोगशाला की रिपोर्ट को एजेंसी ने संज्ञान में नहीं लिया.

पार्टी ने यह भी मांग की कि हार्ड डिस्क को परीक्षण के लिए किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी के पास भेजा जाना चाहिए. तुलसी ने कहा कि उन्होंने कभी ऐसा मामला नहीं देखा जिसमें 50 से अधिक गवाह मर गए. उन्होंने आरोप लगाया, पिंजरे में बंद काले तोते की अब गर्दन भी मरोड़ दी गई है.

सिब्बल ने कहा, हम सुनवाई अदालत में एक निजी शिकायत करेंगे और अदालत से फिर से जांच करवाने को कहेंगे. आरोप लगाने वाला ही अब आरोपी बन जाएगा. आरोपपत्र दाखिल करने वाले के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया जाएगा.