भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पीएम मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार पर हमला बोलते हुए शुक्रवार (15 दिसंबर) को कहा कि पिछले तीन साल के एनडीए शासन काल में भारत एशिया में सबसे ज्यादा भ्रष्ट देशों में शीर्ष स्थान पर आ गया है.
न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस की ख़बर के मुताबिक, उन्होंने दावे के साथ कहा कि पिछले पांच साल में दान के रूप में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की तिजोरी में 80,000 करोड़ रुपए की रकम आई है. अन्ना हजारे ने ‘फोर्ब्स पत्रिका’ के एक आलेख में प्रकाशित ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल सर्वे का हवाला देते हुए ये बात कही. साथ ही उन्होंने कहा कि, ‘मैं ये दावा नहीं कर रहा हूं लेकिन एशियाई देशों में सर्वेक्षण करवाने के बाद ये फोर्ब्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.’
हजारे ने कहा, ‘पिछले तीन साल से मैं चुप हूं, जब नई सरकार आती है तो हमें उसे अवश्य कुछ समय देना चाहिए. इसलिए मैं चुप रहा लेकिन अब बोलने का वक्त आ गया है. मजबूत जन लोकपाल और देश के किसानों के लिए अगले साल 23 मार्च से दूसरा आंदोलन शुरू करने जा रहा हूं.’
उन्होंने कहा कि आम जनता अभी भी समस्याओं से जूझ रही है, देश के किसान दुखी हैं. बैंक की ओर से किसानों को जो कर्ज दिया जा रहा है उसपर मनमाना ऊंचा ब्याज दर वसूल किया जा रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक को सभी किसानों को दिए जाने वाले ऋण पर ब्याज दर तय करना चाहिए और किसानों के हितों को देखते हुए बैंकों को कृषि ऋण की ब्याज दर तय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
अन्ना हजारे ने आगे कहा कि, ‘किसानों को उनकी फसलों का मूल्य नहीं मिल रहा है और वो कर्ज अदा करने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं. यही कारण है कि किसान आत्महत्या कर रहे हैं.’ हजारे ने कहा कि वह पिछले तीन साल में प्रधानमंत्री को 32 पत्र लिख चुके हैं लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से एक भी पत्र का उन्हें जवाब नहीं मिला है.
बता दें कि, लोकपाल आंदोलन का चेहरा रहे अन्ना हजारे ने कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि आंदोलन शुरू करने के लिए 23 मार्च की तारीख चुनी है, क्योंकि उस दिन ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है. ख़बरों के मुताबिक, उन्होंने यह बात महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अपने समर्थकों की एक बैठक को संबोधित करते हुए कही थी.