नोटबंदी सोची समझी संगठित लूट और कानूनी डाका: मनमोहन सिंह

नोटबंदी को लेकर पुरे देश में महासंग्राम छिड़ा हुआ है जेसे जेसे नोटबंदी लागु करने की तारीख पास आती जा रही है वेसे वेसे सभी के हमले बीजेपी पर तेज होते जा रहे है. एक तरफ लालू इस दिन को शोक दिवस मानाने जा रहे है. और दूसरी तरफ विपक्ष काला दिन मानाने जा रही है.

नोटबंदी को बिना सोचा समझा कदम बताते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को दोहराया कि बड़े मूल्य नोटों को चलन से बाहर करने की राजग सरकार की कार्रवाई एक संगठित लूट और कानूनी डाका था. सिंह ने गुजरात के व्यवसायियों और कारोबारियों के साथ अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति पर चर्चा में कहा कि नोटबंदी का कोई लक्ष्य हासिल नहीं हो सका है. राज्य में चुनावी माहौल के बीच सिंह ने कहा, नोटबंदी एक संगठित लूट और कानूनी डाका था.
Nominal organized organized robbery and legal diarrhea
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, जीएसटी के अनुपालन की शर्तें छोटे व्यवसायों के लिए दु:स्वप्न, बुलेट ट्रेन परियोजना को अहंकार की कवायद बताया. पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को बिना सोचे-समझे जल्दबाजी में उठाया गया कदम बताया और कहा कि इसके किसी भी लक्ष्य की प्राप्ति नहीं हुई. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, नोटबंदी संगठित लूट और कानूनी डाका है.

उन्होंने केंद्र सरकार अहमदाबाद-मुंबई बुलेट रेल परियोजना की भी आलोचना की और कहा कि यह एक दिखावा है. मनमोहन सिंह ने बुलेट ट्रेन परियोजना को अहंकार की कवायद बताया. सिंह की यात्रा कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की सूरत यात्रा के एक दिन पूर्व हुई है. आठ नवंबर को नोटबंदी की बरसी पर गांधी सूरत की यात्रा कर सकते हैं. पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा एक वर्ष पूरा होने पर विपक्षी दिलों ने काला दिवस मनाने की घोषणा की है.

सितंबर महीने में समाचार चैनल सीएनबीसी-टीवी18 को दिए एक इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था, ‘नोटबंदी के बाद जल्दबाज़ी में जीएसटी लागू करने से अब कई सारी दिक्कतें सामने आ रही हैं. नोटबंदी और जीएसटी ने असंगठित क्षेत्र और छोटे पैमाने पर होने वाले कारोबार पर विपरीत असर डाला है, जिसका जीडीपी में योगदान 40 फीसदी है. नोटबंदी और जीएसटी लागू करने से भारतीय अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है.’