समाजसेवी अन्ना हजारे का आरोप: मोदी ने लोकपाल कानून को कमजोर किया

जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि उन्होंने लोकपाल बिल को कमजोर किया है. उनके मुताबिक केंद्र की मोदी सरकार ने पूर्व की यूपीए सरकार के दौरान पारित किए गए लोकपाल विधेयक को और कमजोर किया है.

मध्य प्रदेश के खजुराहो के जल सम्मेलन में भाग लेने आए अन्ना ने रविवार की शाम पत्रकारों से कहा, ‘मनमोहन सिंह बात कम करते थे, लेकिन उन्होंने भी लोकपाल कानून को कमजोर किया था. नरेंद्र मोदी ने लोकपाल कानून को और कमजोर करते हुए संसद में 27 जुलाई, 2016 को एक संशोधन विधेयक पारित किया.’

तीन दिन के जल सम्मेलन में जल स्त्रोतों के संरक्षण के मुद्दे पर विचार मंथन किया गया. इसके साथ ही जल स्त्रोत्रों के संरक्षण की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों के साथ प्रस्ताव भी पारित किए गए.

किसानों की कर्जमाफी के लिए सरकार पैसों का बहाना बना रही
अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्होंने कई पत्र लिखे मगर एक का भी जवाब नहीं आया. उन्होंने मांग की, ‘60 वर्ष की आयु पार कर चुके किसानों को पांच हजार रुपए मासिक पेंशन दी जानी चाहिए.’

अन्ना ने बताया, ‘लोकसभा में एक दिन में संशोधन विधेयक बिना चर्चा के पारित हो गया. उसे राज्यसभा में 28 जुलाई को पेश किया गया. 29 जुलाई को संशोधन विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजा गया और उसे मंजूरी मिल गई. केवल तीन दिन में इस कानून को कमजोर कर दिया गया.’

उन्होंने उद्योगपतियों का कर्ज माफ किए जाने पर सवाल उठाया और कहा, ‘उद्योगपतियों का हजारों करोड़ रुपए कर्ज माफ कर दिया गया है, मगर किसानों का कर्ज माफ करने के लिए सरकार तैयार नहीं है. किसानों का कर्ज मुश्किल से 60-70 हजार करोड़ रुपए होगा. क्या सरकार इसे माफ नहीं कर सकती है.’