मुकेश अंबानी लाएंगे लॉजिस्टिक सेंटर, इंडिया सीमेंट का लगेगा प्लांट, दिवाली से पहले प्रदेश की दहलीज पर होगा निवेश का अंबार

पत्रिका टीम @ इंदौर. दीपावली के ठीक पहले मैग्नीफिसेंट एमपी के जरिए मध्यप्रदेश की दहलीज पर निवेश का अंबार लग गया है। सरकार को एक लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, लेकिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इन आंकड़ों पर बात करने की बजाए दावा किया कि दो साल में निवेश को धरातल पर लाकर दिखाएंगे।

शुक्रवार को इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में हुए इस समिट में कमलनाथ ने उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन चर्चा कर उनका दिल जीत लिया। उन्होंने उद्योगों से जुड़ी प्रत्येक समस्या का तेजी से हल करने का वादा किया। सुबह निवेश के माहौल के साथ समिट की शुरूआत हुई। देर शाम इसके समापन तक प्रदेश में निवेश के अनेक प्रस्तावों पर मुहर लग गई। सरकार निवेशकों से सेक्टरवाइज गोलमेज कांफ्रेंस करेगी। निवेश के जो प्रस्ताव तय हुए हैं, उनमें रिलायंस के नेशनल लॉजिस्टिक सेंटर से लेकर इंडिया सीमेंट और जर्मनी की लैप-इंडिया कंपनी के सोलर पॉवर प्लांट तक हैं। रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी नहीं आए, लेकिन वीडियो कास्ट से निवेश की घोषणाएं की।

10 उद्योगपतियों से वन-टू-वन: हर समस्या हल करने का वादा

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दस उद्योगपतियों से वन-टू-वन बात की। इसमें एस्सार गु्रप के प्रशांत रूईया व अंशुमान रूईया ने प्रदेश में पॉवर प्रोजेक्ट विस्तार को लेकर चर्चा की। इसमें उन्होंने दिक्कतें बताते हुए पॉवर परचेज एग्रीमेंट की गारंटी मांगी। रिन्यु पॉवर के एमडी सुमंत सिन्हा ने रूफटॉप में नेट मीटरिंग में आने वाली समस्याएं बताई। इंदौर की आईटी कंपनी किमिरिका हंटर इंटरनेशनल के एमडी रजत जैन और मोहित जैन ने बताया कि प्रदेश की आईटी नीति में कमियां हैं। नेस्कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक आइटी में बैंगलोर फुल होने के बाद इंदौर, जयपुर और चंडीगढ़ नए आईटी-डेस्टीनेशन हो सकते हैं। मध्यप्रदेश सरकार प्रयास करे तो इंदौर बड़ा आईटी हब बन सकता है। मायलन इंडस्ट्री के इंडिया हेड पीके सिंह ने कहा कि फैक्ट्री परिसर में बारिश में नाली भर गई तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उद्योग बंद का नोटिस दे दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, ये छोटी-छोटी समस्याएं हैं। ये सब हल हो जाएंगी। आप बड़ी समस्या हो तो बताओ। आप तो निवेश करिए।

मंच पर दिग्गज :

उद्घाटन अवसर पर सीएम कमलनाथ और विधानसभा अध्यक्ष एनके प्रजापति के साथ बाएं से सीआइआइ के डीजी चंद्रजीत बनर्जी, किर्लोस्कर ग्रुप के चेयरमैन विक्रम किर्लोस्कर, इंडिया सीमेंट के एन. श्रीनिवासन, गोदरेज समूह के चेयरमैन आदि गोदरेज, आइटीसी के चेयरमैन संजीव पुरी और सन फार्मा के दिलीप संघवी।

इन 4 क्षेत्रों में निवेश पर लगी मुहर

1. लॉजिस्टिक : रिलायंस के मुकेश अंबानी प्रदेश में लॉजिस्टिक के 45 डिस्टीब्यूशन सेंटर खोलेंगे। यह प्रदेश की एक करोड़ वर्गफीट जमीन पर स्थापित होंगे।

2. सीमेंट : इंडिया सीमेंट के एन श्रीनिवासन 1200 करोड़ का पहले साल निवेश करेंगे। तीन साल में यह निवेश बढक़र 2500 करोड़ हो जाएगा। कंपनी के अनुसार, 20 हजार लोगों को इससे रोजगार मिलेगा।

3. फायबर-कैमिकल : इजराइल की कंपनी ऐवगोल प्रदेश में 1200 करोड़ का निवेश करेगी। कंपनी के प्रतिनिधि सुबह 5 बजे जाकर जमीन भी देख आए।

4. गारमेंट : तिरूपुर में 30 हजार करोड़ के निवेश वाली श्यामा वैलू गारमेंट ने भी प्रदेश आने की इच्छा जताई है। कमलनाथ बोले- केंद्रीय मंत्री रहते गारमेंट व्यापार को सपोर्ट किया था। अब वे करेंगे।

ये कदम हुए तय

  • लैंड-पूलिंग से मिलेगी जमीन।
  • सोलर एनर्जी पर फोकस।
  • मंजूरी के लिए टाइम-लाइन।
  • दो साल में जमीन पर उतारेंगे निवेश।
  • इंफ्रा-पानी-कनेक्टिविटी पर रहेगा जोर।
  • हर सेक्टर के लिए अलग नीति और समिट।

उद्योगपतियों की समिट

समिट के सत्रों में निवेशकों ने कहा, ऐसा पहली बार हो रहा है कि समिट सरकार की नहीं, बल्कि निवेशकों की रही। निवेशक ही फोकस में रहे। कमलनाथ ने कुछ समस्याओं को ऑन-द-स्पॉट हल करा दिया। कुछ समस्याओं के लिए नीतिगत बदलाव तय किए।

महान मध्यप्रदेश मेरा भी, यहां अपार संभावनाएं

रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने अपना वीडियो संदेश भेजा। इसमें उन्होंने कहा, मध्यप्रदेश को एक विजनरी नेतृत्व मिला है। मैं इस प्रतिष्ठापूर्ण समारोह में भागीदारी करना चाहता था लेकिन रिलायंस ग्रुप की बोर्ड मीटिंग के कारण शामिल नहीं हो पाया। मुझे मध्यप्रदेश से विशेष लगाव है। यहां के जंगल, वन्य जीव और पारिस्थितिकी इसकी अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण हैं। मध्यप्रदेश देश का इकलौता एेसा राज्य है जहां जियो का डेटा कोरिया, जर्मनी और फ्रांस के मुकाबले सर्वाधिक उपयोग होता है। प्रदेश में प्रो बिजनेस और प्रो ग्रोथ पॉलिसी है, जिससे यहां का चौतरफा विकास होगा। हम मध्यप्रदेश में 45 जगहों पर लॉजिस्टिक सेंटर बनाएंगे।

भरोसे की जीत के साथ समिट का समापन

मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि प्रदेश में जिसके पास भी जमीन है, उसे उद्योग लगाने के लिए तीन साल तक किसी मंजूरी की जरूरत नहीं है। वह आज से ही उद्योग शुरू कर सकता है। प्रदेश अभी तक इमर्जिंग इॅकोनॉमी टाइगर हैं। दो साल बाद इसमें से इमर्जिंग शब्द हट जाएगा। कमलनाथ ने कहा कि इस समिट से हम निवेशकों का भरोसा जीतने में कामयाब हो गए है। हमने एमओयू साइन करने जैसा कोई दिखावा नहीं किया। सीएम बोले, देश में आर्थिक मंदी है, लेकिन मध्यप्रदेश में नहीं।