एमपीपीएससी और एमपीपीईबी अभ्यर्थियों ने की कमलनाथ से मुलाकात

भोपाल। नेशनल एजुकेशन यूथ यूनियन के नेतृत्व में एमपीपीएससी और एमपीपीईबी के अभ्यर्थियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने आज रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के निवास पर पहुंचकर उनसे मुलाकात की। अम्यर्थियों ने एमपीपीएससी और एमपीपीईबी में हो रही गड़बडिय़ों को रोकने और आ रही विभिन्न समस्याओं के संबंध में ज्ञापन सौपा और निदान हेतु चर्चा की। इस पर कमलनाथ ने अभ्यर्थियों को आश्वासन दिया कि उनकी इस समस्याओं को शीघ्र ही विधानसभा में प्रमुखता से उठाया जाएगा।

अभ्यर्थियों ने मांग की है कि ओबीसी आरक्षण केस की नियमित सुनवाई शुरू होने के बाद भी कोर्ट के समक्ष सरकारी अधिवक्ताओं की तरफ से निरंतर तारीखें मांगी जा रही है, जिससे निर्णय आने में विलंब हो रहा है। केस में सरकार द्वारा कोर्ट का सहयोग किया जाए, जिससे शीघ्र निर्णय आ सके। मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्यसेवा परीक्षा 2019 के रोस्टर केस में हाईकोर्ट के निर्णयानुसार रिवाइज्ड परिणाम घोषित कर प्रक्रिया अतिशीघ्र पूर्ण की जाए। राज्य सेवा परीक्षा 2020 (मुख्य परीक्षा), प्रारंभिक परीक्षा 2021 के परिणाम घोषित कर भर्ती प्रक्रिया अतिशीघ्र पूर्ण की जाए। साथ ही एमपीपीएससी द्वारा आयोजित अन्य परीक्षाएं जैसे राज्य वन सेवा परीक्षा 2019, 2020, 2021, राज्य इंजीनीयरिंग सेवा परीक्षा आदि अतिशीघ्र पूर्ण की जाएं।

मांग में यह भी कहा गया है कि कर्मचारी चयन बोर्ड पीईबी द्वारा सभी बैकलॉग पदों सहित आगामी भर्ती परीक्षा कैलेण्डर जारी किया जाए जिसके अंतर्गत सभी, पटवारी, कास्टेबल, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3, स्टेनोग्राफर, लेबर इंस्पेक्टर, रेवेन्यू इंस्पेक्टर, सब इंजीनियर और अन्य भर्ती परीक्षा सम्मिलित की जाएं एवं घोषित कलेंडर के अनुसार निर्धारित समय सीमा मेें भर्तियां पूर्ण की जाएं। शिक्षक भर्ती वर्ग 1 और वर्ग 2 में पद वृद्धि कर द्वितीय काउंसलिंग शुरु की जाए ताकि स्कूलों में रिक्त पदों की पूर्ति हो सके। आरक्षक भर्ती परीक्षा की मेरिट अतिशीघ्र जारी की जाए, चूंकि मेडिकल मेरिट जारी होने के बाद होने एवं प्रतिभागियों का अन्य भर्तियों में भी चयन होने से पद रिक्त रह जाते हैं। भर्तियों में अन्य राज्यों के मूल निवासी अभ्यर्थियों को मेरिट में आने पर अधिकतम 5 प्रतिशत पदों पर ही चयनित किया जाए। भर्तियों में पारदर्शिता हो और भ्रष्टाचार खत्म करने हेल्पलाइन नम्बर और सोशल मीडिया पर की गई शिकायत को ट्रैक करने की सुविधा हो। परीक्षाओं में सही, अविवादित तथा निर्धारित पाठ्यक्रम से ही प्रश्न पूछे जाएं, जिससे कि प्रश्नों को विलोपित करने की स्थिति उत्पन्न न हो। परीक्षाओं में आवेदन शुल्क अधिकतम 100 रुपये किया जाए।