मप्र और छत्तीसगढ़ में ही नहीं बल्कि गुजरात में भी बीजेपी को लगा करारा झटका

गुजरात में छह सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा व कांग्रेस दोनों ने वीरवार को तीन-तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने 15 साल बाद थराद सीट जीतकर सबकों चौका दिया। दोनों दलों में अपनी परंपरागत सीटों पर कब्जा जमाया है। उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों बराबरी पर अटके हैं। छह में से दोनों की तीन-तीन सीट मिली हैं और दोनों ने अपनी परंपरागत सीट बरकरार रखी। लेकिन कांग्रेस ने एक सीट की बढ़त बना ली।

भाजपा ने अहमदाबाद की अमराईवाड़ी सहित लूनावाड़ा व खेरालु सीट पर फिर से जीत दर्ज की, वहीं राधनपुर व बायड सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा। गत विधानसभा चुनाव में इन पांच सीटों का चुनाव परिणाम उपचुनाव जैसा ही रहा था। कांग्रेस ने उपचुनाव में अपनी एक सीट बढ़ाते हुए बनासकांठा की थराद पर कब्जा जमा लिया। अल्पेश ठाकोर की हार गुजरात भर में चर्चा का विषय बन गई। उनके उपमुख्यमंत्री पद व मंत्री बनने की बड़ी-बड़ी बाते धरी की धरी रह गईं। अल्पेश व उनके साथी धवल सिंह झाला दोनों ही पूर्व विधायक कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए थे। भाजपा की टिकट पर चुनाव नहीं जीत पाए। स्थानीय भाजपा नेताओं की नाराजगी इन दोनों पर भारी पड़ी।

उधर, थराद सीट पर पूर्व मंत्री शंकरभाई चौधरी व सांसद परबत भाई पटेल की उपेक्षा के चलते ये सीट भाजपा के हाथ से फिसल गईं। भाजपा सभी छह सीटें जीतने का दावा कर रही थी। लेकिन अमराइवाड़ी, खेरालु व लूनावाड़ा तीन सीटों पर ही भाजपा को संतोष करना पड़ा। अहमदाबाद की अमराईवाडी सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी धमेन्द्र पटेल ने भाजपा के जगदीश पटेल को कड़ी टक्कर दी। 16 वें राउंड तक कांग्रेस इस सीट पर बढ़त बनाए हुए थी। लेकिन अंतिम दो राउंड में भाजपा प्रत्याशी ने करीब पांच हजार मतों से जीत दर्ज की। वहीं, लूनावाड़ा व खेरालु में भाजपा ने पहले ही जीत दर्ज कर ली।

गुजरात कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि उपचुनाव में पार्टी को तीन सीटों पर मिली जीत से कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हो गया है। पार्टी बदलकर मंत्री पद की लालच करने वाले नेताओं को जनता ने सबक सिखाया है। अहमदाबाद की अमराईवाड़ी सीट में कांटे की टक्कर हुई है। जनता महंगाई और बेरोजगारी से तंग आ गई है।

भाजपा पर भारी पड़े कांग्रेस नेता

गुजरात के उपचुनाव में हार एक प्रमुख कारण यह भी रहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एक भी चुनावी रैली या सभा नहीं की। हरियाणा और महाराष्ट्र में व्यस्त राष्ट्रीय नेताओं के अभाव में भाजपा-कांग्रेस स्थानीय नेताओं के दम पर चुनाव लड़ रही थी। जिसमें कांग्रेस नेता भारे पड़े। प्रदेश अध्यक्ष अमित चावड़ा ने पहली बार कांग्रेस को चुनावी जीत दिखाई है। कांग्रेस कार्यालय में दशकों पहली बार जश्न का माहौल दिखा।

सोशल मीडिया में अल्पेश ठाकोर की जमकर मजाक उड़ी

अल्पेश ठाकोर के पार्टी बदलने व चुनाव प्रचार के दौरान मंत्री व उपमुख्यमंत्री पद के दावों लेकर सोशल मीडिया में जमकर मजाक उडी। सोशय मीडिया अब उन्हें अहमदाबाद के महापौर के दावेदार बता रहा है तो कहीं उन्हें रामनाथ कोविंद के बाद अगला राष्ट्रपति पद का झूठा दिलासा भी भाजपा की ओर से देने की बातें की जा रहीं है। अल्पेश के साथी धवल सिंह झाला ने अल्पेश के चलते ही अपना विधायक पद गंवा दिया।