पहले से कर्जे में चल रही सरकार 11 अगस्त को फिर लेगी 1000 करोड़ का नया कर्ज

11 अगस्त को फिर 1000 करोड रुपए का लोन ले रही है शिवराज सिंह सरकार

मध्य प्रदेश के राजपत्र के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार आगामी 11 अगस्त को आरबीआई के माध्यम से खुले बाजार से 1000 करोड़ का कर्ज उठाएगी। कर्ज लेने से पहले सरकार ने 31 मार्च 2019 तक अपनी वित्तीय स्थिति का ब्यौरा आरबीआई को दे दिया है। इस ब्यौरे में बताया गया है कि मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज लेने की तिथि तक 1 लाख 80 हजार 988 करोड़ रुपए का कर्ज है।

मध्यप्रदेश में पूरी गति से विकास कार्य चलने के दौरान करीब 800 करोड़ रुपए प्रतिमाह का कर्ज लिया जा रहा था और अब जबकि मध्यप्रदेश में सभी प्रकार के विकास कार्य लगभग बंद है, न्यूनतम खर्चे पर व्यवस्थाएं संचालित की जा रही है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले 5 महीने में 6000 करोड़ रुपए का लोन ले लिया। बताने की जरूरत नहीं कि मध्य प्रदेश की सरकार ने विकास कार्यों के नाम पर ₹200000 करोड रुपए का कर्ज ले रखा है जिसका ब्याज और मूल जनता पर टैक्स लगाकर वसूला जा रहा है।

जब खर्चा ही नहीं है तो लोन क्यों लिया

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने 5 महीने के कार्यकाल में हर माह औसतन 1200 करोड़ रुपए का कर्ज बाजार से लिया है। सरकार का तर्क है कि कोरोना महामारी के कारण बीते चार महीने में GST से राज्य सरकार को होने वाली आय में 44 फीसदी की गिरावट आई है। सरकारी खजाने को करीब 3077 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जीएसटी कलेक्शन के अलावा कोरोना महामारी से पेट्रोल—डीजल, आबकारी और खनिज विभाग की कर वसूली भी प्रभावित हुई। वहीं दूसरी ओर परिवहन विभाग की रिपोर्ट बताती है कि इस अवधि में 70% राजस्व वसूली हुई और यह बहुत उत्साहजनक है। विकास कार्य ठप होने के कारण सरकार के खर्चे भी काफी कम हो गए हैं। यहां तक कि सरकार ने कर्मचारियों की वेतन भक्तों में भी कटौती कर दी है। सवाल यह है कि जब खर्चा ही नहीं है तो लोन क्यों लिए जा रहा है।