मोदी सरकार अब तक प्रचार पर कर चुकी है 3600 करोड़ खर्च, आरटीआई ने किया खुलासा

आरटीआई के तहत दायर की गई एक अर्जी से पता चला है कि केंद्र सरकार ने साढ़े तीन सालों से भी कम समय में विज्ञापन पर 3600 करोड़ रुपए खर्च कर दिए हैं. इन विज्ञापनों में पीएम मोदी और अन्य मंत्रियों की तस्वीरें इस्तेमाल की गई हैं. विज्ञापन और दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) द्वारा दी सूचना के मुताबिक, अप्रैल 2014 से अक्टूबर 2017 के बीच यह पैसे खर्च किए गए हैं. रामवीर तंवर द्वारा दी गई आरटीआई अर्जी की प्रतिक्रिया में अधिकारियों ने बताया कि सरकार ने अप्रैल 2014 से जून 2017 के बीच 1600 करोड़ रुपए इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर दिए जाने वाले विज्ञापनों पर खर्च किए हैं. इसमें कम्युनिटी रेडियो स्टेशन, डिजिटल सिनेमा, दूरदर्शन के चैनलों, ऑल इंडिया रेडियो, इंटरनेट और जनसंपर्क द्वारा किए जाने वाले प्रचार पर खर्च किए गए हैं.

सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा दिए गए जवाब में कहा गया है कि सरकार ने 1700 करोड़ अखबारों में किए गअ प्रचार पर और 400 करोड़ रुपए बैनर, होर्डिंग्स और बिल बोर्ड पर खर्च किए हैं.

तंवर द्वारा पिछले साल दी गई एक दूसरी अर्जी की प्रतिक्रिया में यह बात सामने आई थी कि केंद्र सरकार ने 1100 करोड़ ढाई सालों में उन विज्ञापनों पर खर्च किए थे जिनमें प्रधानमंत्री मोदी को दिखाया गया था.
 Modi government has spent over 3600 crore on expenditure, RTI disclosed
उस समय मंत्रालय ने कहा था कि 1 जून 2014 से 31 मार्च 2015 के बीच 448 करोड़ रुपए, 1 अप्रैल 2015 से 31 मार्च 2016 तक 542 करोड़ रुपए और 1 अप्रैल 2016 से 31 अगस्त 2016 तक 120 कोरड़ रुपए खर्च किए गए थे.

विज्ञापन पर मोदी सरकार द्वारा किए गए इन खर्चों पर कभी सवाल नहीं खड़ा किया जाता है, लेकिन आम आदमी पार्टी द्वारा विज्ञापन पर खर्च किए गए 97 करोड़ रुपए का मीडिया औ दूसरी पार्टियां अक्सर जिक्र करती हैं. इस साल मार्च में दिल्ली के उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने यह आदेश दिया था कि आम आदमी पार्टी से 97 करोड़ रुपए वसूले जाएं जो उन्होंने कथित तौर पर ‘शेखी बघारने के चक्कर में’ विज्ञापन पर खर्च किए थे. उप-राज्यपाल ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन था और उन्होंने अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी द्वारा किए गए कामों को दिखाने वाले विज्ञापन पर खर्च हुए पैसों की जांच के आदेश भी दिए थे.