उत्तरप्रदेश में हुए 2017 विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत को लेकर बहुत सवाल उठे थे. तब बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने EVM को लेकर बीजेपी को कटघरे में खड़ा किया था, जिसका सहयोग सभी विरोधी पार्टियों ने खुलकर किया था. इस विरोध के बावजूद चुनाव आयोग पर कोई असर होता नहीं दिखा था. अब यूपी में एक बार फिर EVM मशीन को लेकर जंग छिड़ी है.
उत्तर प्रदेश के गत विधानसभा चुनाव की तरह ही नगर निकाय चुनावों में भी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने जोरदार जीत हासिल की है. नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में भाजपा को रिकॉर्ड सफलता मिली है. वहीं दूसरी ओर बीजेपी की इस शानदार जीत के बाद अब एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं.
मायावती ने बैलट पेपर से चुनाव करने की मांग करते हुए कहा कि यदि बीजेपी ईमानदार है और लोकतंत्र में विश्वास करती है तो ईवीएम के इस्तेमाल को बंद करे.
समाचार एजेंसी ANI की ख़बर के मुताबिक उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि, अगर बीजेपी ईमानदार है और लोकतंत्र पर विश्वास रखती है तो चुनाव ईवीएम के बदले बैलेट पेपर से करवाए. अगला लोकसभा चुनाव 2019 में है और यदि बीजेपी में साहस है तो वह बैलेट पेपर से चुनाव करके दिखाए.
साथ ही उन्होंने कहा कि, मैं यकीन के साथ कह सकती हूं कि अगर बैलेट पेपर पर वोटिंग की जाएगी तो बीजेपी फिर से सत्ता मे नहीं आएगी.
लखनऊ में डॉ भीमराव अम्बेडकर को बौद्ध दीक्षा दिलाने वाले भिक्षु प्रज्ञानंद के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंची मायावती ने ये बात कही.
If BJP is honest & believes in democracy then discard EVMs & conduct voting on Ballot papers. General Elections are due in 2019. If BJP believes people are with them, they must implement it. I can guarantee if Ballot papers are used, BJP won't come to power.: Mayawati, BSP Pres pic.twitter.com/NYveJeuSDb
— ANI UP (@ANINewsUP) December 2, 2017
मायावती ने निकाय चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरूपयोग का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि अगर धांधली नहीं होती बसपा का प्रदर्शन और अच्छा होता. हालांकि, उन्होंने इस प्रदर्शन पर संतोष भी व्यक्त किया. नगर निकाय चुनाव में मिली जीत से उत्साहित बसपा सुप्रीमो ने अपनी इस जीत को श्रेय सर्वसमाज के लोगो को दिया.