मध्यप्रदेश भाजपा में जबरजस्त कलह, अमित शाह काटना चाहते है 130 से अधिक वर्तमान विधायकों के टिकट

भोपाल। चुनाव प्रबंधन समिति, चुनावी रणनीतिकार और सोशल मीडिया टीम के सदस्यों से चर्चा करने आये अमित शाह ने मध्य प्रदेश भाजपा विधायकों और नेताओं की मुश्किल ये कह कर बढ़ा दी है की मध्यप्रदेश में कांग्रेस को कमजोर समझने की भूल बिलकुल नहीं करें, वहीं अमित शाह ने ये कहकर भी सब को चौका दिया है कि 130 से अधिक वर्तमान विधायकों को टिकट नहीं दिया जायेगा।

भारतीय जनता पार्टी इस समय जहाँ सत्ता विरोधी लहर के भंवर में फंसी नजर आ रही है वहीं यदि अमित शाह और भाजपा ने 130 वर्तमान विधायकों का टिकट काट दिया तो भाजपा के सामने कांग्रेस से लड़ने से पहले खुद से लड़ने की बहुत बड़ी चुनौती सामने आने वाली है। अमित शाह जो अपने पिछले तीन दौरों से शिवराज की जगह संगठन के नाम पर चुनाव लडने का सन्देश दे रहे हैं उन्होंने इस बार कांग्रेस को अत्यधिक मजबूत और कई मामलों में भाजपा से आगे बताकर आने वाले दिनों में मध्यप्रदेश से भाजपा की विदाई के संकेत साफ़ दे दिए हैं।
अमित शाह और शिवराज में बढ़ती दूरियों के बीच कांग्रेस की मजबूती को अमित शाह द्वारा स्वीकार करना अपने आप में शिवराज के लिए बड़ा संकेत और मध्यप्रदेश में सत्ता परिवर्तन का स्पष्ट इशारा है।

कांग्रेस जहाँ इस बार भाजपा को चारो खाने चित्त करने के मिशन पर चलते हुए जनता को विश्वास में लेने के साथ-साथ लगभग सभी क्षेत्रीय दलों को अपने साथ लाने में कामयाब होती दिख रही है, वहीं कई कर्मचारी संगठन भी कांग्रेस के साथ आकर भाजपा से दो-दो हाथ करने के लिए मैदान में उतर चुके हैं।

वर्तमान में अमित शाह और मोदी के लिए चुनाव जीतने से कहीं ज्यादा जरुरी हार के अंतर को कम करना और गिरते वोट प्रतिशत को बचाना है ताकि 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए कुछ उम्मीदें जिन्दा रखी जा सके। अमित शाह और भाजपा के नेता चाहे जितनी भी सीटें जीतने का दावा करें परन्तु यदि भाजपा 65-70 सीट जीतने में कामयाब हो जाती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में मोदी के लिए 8-10 सीटों की उम्मीद बरक़रार रह सकती है। वहीं 65-70 के आंकड़े तक पहुँच पाना भी भाजपा की जीत ही कहा जायेगा क्योंकि 15 वर्षों के सत्ता विरोधी लहर के बाद विभिन्न संगठनो और मीडिया चैनलों से मिल रही ख़बरों के मुताबिक भाजपा 45-50 सीटों के आसपास सिमटती नजर आ रही है।