गुजरात विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहे है वैसे-वैसे राज्य में राजनीतिक माहोल उतनी ही तेजी से बढ़ रहा है. इसी वजह से, राहुल गांधी के साथ स्कूल शिक्षकों, प्राध्यापकों, व्याख्याताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था. बता दे की गुजरात में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी गुजरात के दो दिन के दौरे पर हैं.
गुजरात में शिक्षा जगत के लोगों के साथ बातचीत के दौरान अंशकालीन महिला लेक्चरर की आपबीती सुनने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भावुक हो गए और उन्हें गले से लगा लिया. कांग्रेस उपाध्यक्ष के इस तरह का अचानक व्यवहार लोगों के दिल को छू गया. इसी में महिला व्याख्याता रंजना अवस्थी भी आयी थीं जिन्होंने अपनी दुर्दशा राहुल गांधी के समक्ष बयां की.
न्यूज़ एजेंसी भाषा की ख़बर के मुताबिक, राहुल के संबोधन के बाद जब रंजना को माइक दिया गया तो उन्होंने दिल खोल कर अपनी बात कही. रिटायरमेंट के करीब पहुंच चुकी रंजना ने पार्टी की सरकार बनने पर राहुल गांधी से अध्यापकों के समक्ष उत्पन्न समस्याओं से निपटने की कांग्रेस की योजना के बारे में पूछा.
भारी दिल से रंजना ने कहा, मैने 1994 में संस्कृत से पीएचडी किया है. उस समय से हम बहुत खराब स्थिति में रह रहे हैं. अंशकालीन सेवा के 22 साल बीत जाने के बावजूद हमारा वेतन केवल 12 हजार रूपया प्रति महीना है. हमें मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है, इस सेवा के दौरान हमने जिंदगी का सबसे खराब समय देखा है.
रंजना के बोलने के बाद हाथ में माइक रखे राहुल ने कुछ रूक कर कहा कभी-कभी कुछ प्रश्नों का उत्तर आप शब्दों के साथ नहीं दे सकते हैं. इसके बाद 47 वर्षीय कांग्रेस सांसद ने अपना माइक मंच पर रखा और व्याख्याता की तरफ उसे सांत्वना देने के लिए बढ़े जो हाल के मध्य में एक कतार में बैठी थीं.
राहुल ने रंजना के साथ कुछ देर तक बातचीत की ओर वापस मंच पर आने से पहले उन्हें गले से लगा लिया. कांग्रेस नेता का इस तरह का अचानक व्यवहार लोगों के दिल को छू गया. इसके बाद उन्होंने गुजरात में कांग्रेस के सत्ता में आने पर शिक्षा जगत के लोगों से सार्वजिनक शिक्षा व्यवस्था तथा स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर बनाने का वादा किया. राहुल ने गुजरात में फिक्स वेतन प्रणाली को अनुचित करार देते हुए कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने पर इसे बदला जाएगा.