केंद्रीय मंत्री के बयान पर प्रदेश सरकार ने दिया करारा जवाब ” कहा कमलनाथ सरकार कागजी घोड़े नहीं दौड़ाती”

भोपाल. मध्य प्रदेश में बाढ़ और बारिश से आई आपदा के बाद अब राहत राशि के लिए मारामारी मची हुई है. कांग्रेस धरना-प्रदर्शन सब कर चुकी है. वो कह रही है केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही. इस बीच केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कांग्रेस सरकार पर बिना सर्वे रिपोर्ट तैयार करने का आरोप लगा दिया है.

बाढ़-बारिश पर राज्य-केंद्र में ठनी
मध्य प्रदेश के एक बड़े हिस्से में इस बार बारिश और बाढ़ ने त्रासदी के हालात खड़े कर दिए हैं.मालवा के कई इलाकों में करोड़ों का नुकसान हुआ. राहत के नाम पर दो महीने से केंद्र और राज्य सरकार में ठनी हुई है. सीएम कमलनाथ ने एक बार पीएम मोदी और एक बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर सोलह हजार करोड़ रुपए देने की मांग की. सीएम कमलनाथ ने केंद्र को बाढ़ से किसानों को हुए नुकसान और बर्बादी की रिपोर्ट सौंपी.लेकिन एक महीने बाद भी केंद्र ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया.कांग्रेस ने केंद्र के रवैये के खिलाफ दो बार धरना देकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा.

राज्य की मांग पर केंद्र के मंत्री का बयान आया है.केंद्रीय राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा राज्य सरकार ने बिना सर्वे और आंकलन के आधार पर रिपोर्ट तैयार की है.साथ ही आपदा के लिए केंद्र से मिलने वाली एडवांस राशि के इस्तेमाल का ब्यौरा भी नहीं दिया है.ऐसे में केंद्र से मांग रखना नियम प्रक्रिया के बाहर है.
गुस्से में सरकार
राहत राशि के लिए लगातार केंद्र पर दबाव बना रही कांग्रेस सरकार अब केंद्रीय मंत्री के बयान पर भड़क उठी है.प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कमलनाथ सरकार कागजी घोड़े नहीं दौड़ाती है.केंद्र भेदभाव की सियासत कर रही है.प्रदेश में बाढ़ से हुए नुकसान के बाद सीएम कमलनाथ ने केन्द्र सरकार से 21 अक्टूबर को दूसरी बार मेमोरंडम सौपकर तत्काल 6621.28 करोड़ की राहत देने की मांग की थी. उस मेमोरंडम में बाढ़ के कारण 55 लाख लोगों के प्रभावित होने और बड़े स्तर पर नुकसान की जानकारी दी गई थी.