भोपाल. मध्य प्रदेश में शिक्षा में सुधार को लेकर कमलनाथ सरकार कवायद में जुटी है. जबकि पहली बार शिक्षक बाल दिवस पर बच्चों के व्यक्तित्व विकास की शपथ लेंगे यानी बाल दिवस पर सरकार शपथ के बहाने ही सही शिक्षकों को उनके कर्तव्य याद दिला रही है, ताकि शिक्षक पूरी ईमानदारी से बच्चों के भविष्य को संवारने की दिशा में काम करें. शिक्षा विभाग ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है.
शपथ से सुधार की गुंजाइश
आज बाल दिवस यानी जवाहर लाल नेहरू की जंयती धूमधाम से मनाने की तैयारियां शुरू कर चुकी है. बाल दिवस से पहले ही स्कूल शिक्षा विभाग शपथ के जरिए शिक्षकों को उनकी ड्यूटी दिला रहा है यानी शिक्षकों को रोजना स्कूल जाने के साथ ही छात्रों का भविष्य संवारने के काम की शपथ दिलाई जाएगी. शपथ के बहाने ही सही स्कूल शिक्षा विभाग शिक्षकों को शैक्षिणक कार्य पूरी ईमानदारी से करने की कवायद में जुटा है. विभाग को उम्मीद है कि शायद इससे शिक्षकों के स्तर में सुधार भी आए. शपथ के जरिए ही सही शिक्षक बेहतर काम करने के लिए प्रेरित हो सकें और बेपटरी हो चुकी शिक्षा में परिवर्तन लाए जा सके. जबकि शिक्षा में सुधार को लेकर सीएम कमलनाथ भी चिंता जाहिर कर चुके हैं.
स्कूलों में होगा शिक्षा में सुधार
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी का कहाना है कि हमारा लक्ष्य शिक्षा को बेहतर करना है. शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है. अभी शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की काफी गुंजाईश है. अधिकतर शिक्षक अच्छा काम कर रहे हैं, वहीं बाकी को बेहतर काम के लिए शपथ के जरिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि शिक्षक बच्चों की शिक्षा में सुधार के साथ ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर फोकस करें. वह शिक्षा को काम नहीं बल्कि सेवा भाव सें करें.
भाजपा ने कही ये बात
भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि शिक्षकों की शपथ से ज्यादा जरूरी है विभाग में शिक्षकों की भर्ती करना. सरकारी स्कूलों के लिए जरूरी सबसे अहम है संसाधन मुहैया कराना, क्योंकि अच्छा शिक्षक होगा तो विद्यार्थियों की जरूरतें पूरी हो सकेंगी. साथ ही उन्होंने कहा कि शपथ से कुछ सुधार नहीं होने वाला है.