झाबुआ में बुधवार को सुबह 9 बजे आ जाएगा पहला रुझान, दोपहर तक पता चल जाएगा कौन होगा झाबुआ का विधायक

झाबुआ विधानसभा में हुए उपचुनाव के रहस्य और रोमांच से 24 अक्टूबर को पर्दा उठ जाएगा। मतों की गणना सुबह 8 बजे से पॉलिटेक्निक कॉलेज में होगी। पहले आधे घंटे तक पोस्टल बैलेट की गिनती की जाएगी, फिर इवीएम में दर्ज वोटों की गणना प्रारंभ हो पाएगी। 356 मतदान केंद्र होने से 26 राउंड में गणना पूरी होगी. इससे पहले विधानसभा चुनाव में 10 लोग विधायक बन चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा छह बार कांग्रेस के बापूसिंह डामोर विधायक रहे। इसलिए अगला विधायक ११वां होगा। सुबह 9 बजे तक प्रारंभिक रुझान आने लगेंगे और दोपहर 3 बजे तक यह पता चल जाएगा कि झाबुआ का 11वां विधायक कौन होगा।

मतगणना के लिए प्रशासन तैयारियों में जुटा है। चुनाव में इस बार 5 प्रत्याशी खड़े हुए हैं। मुख्य मुकाबला कांग्रेस-भाजपा के बीच है और दोनों ही दलों के अपने दावे और अनुमान है, लेकिन मतदाता ने किस पर सबसे ज्यादा भरोसा दिखाया है, इसका फैसला मतगणना के रोज खुलने वाली एक-एक इवीएम करेगी। फिलहाल राजनीतिक हलकों के साथ आम जनता में भी हलचल मची हुई। हर कहीं केवल एक ही चर्चा हो रही है और इंतजार भी एक ही कि अब क्षेत्र के विकास की बागडोर किसके हाथों में जाएगी।

पांच-पांच वीवीपैट का चयन लॉटरी से किया जाएगा- सभी केंद्रों की गणना पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार पांच ईवीएम और वीवीपैट का मिलान भी किया जाएगा। इसके लिए लॉटरी के जरिए पांच मशीनों का चयन कर इनके डिजीटल अंकों का मिलान वीवीपैट की पर्चियों से किया जाएगा। दोनों समान होने पर माना जाएगा कि मतगणना सही हुई है। ये प्रक्रिया ऑब्जर्वर, आरओ व प्रत्याशी के प्रतिनिधि की मौजूदगी में होगी। इसके बाद ही अंतिम परिणाम व आंकड़ों की घोषणा की जाएगी।

अब तक हुए 15 चुनावों में 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की, सर्वाधिक 6 बार बापूसिंह डामोर रहे विधायक : झाबुआ विधानसभा के लिए अब तक हुए 15 चुनावों में 10 बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की। इसमें भी सर्वाधिक 6 बार कांग्रेस के बापूसिंह डामोर ने जीत दर्ज की। वे 1967 में पहली बार विधायक चुने गए थे। इसके बाद 1977 से 1993 तक लगातार 17 साल विधायक रहे। भाजपा तीन बार जीत दर्ज कर पाई। पहली बार 2003 में सहारे भाजपा ने कांग्रेस के इस गढ़ में सेंध लगाई थी। उस वक्त पवेसिंह पारगी विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2008 में कांग्रेस के जेवियर मेड़ा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 2013 में फिर से भाजपा के शांतिलाल बिलवाल विधायक निर्वाचित हुए। हालांकि इस जीत में कांगे्रस की बागी कलावती भूरिया की भूमिका रही थी। यदि वे निर्दलीय चुनाव नहीं लड़ती तो शायद ये सीट कांग्रेस के पास ही रहती। वहीं 2018 में भाजपा के गुमानसिंह डामोर इस सीट से विधायक निर्वाचित हुए। इसमें भी कांग्रेस के बागी जेवियर मेड़ा ने अहम रोल निभाया। टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर वे निर्दलीय चुनाव लड़े और कांग्रेस के वोट बैंक में अच्छी खासी सेंध लगा दी। ऐसे में भाजपा के खाते में जीत दर्ज हो गई। इस बार ये देखना दिलचस्प होगा कि झाबुआ के उप चुनाव में कौन जीत हासिल करता है।

दो बार सोशलिस्ट पार्टी ने हासिल की जीत : झाबुआ विधानसभा में दो बार सोशलिस्ट पार्टी के प्रत्याशियों ने भी जीत हासिल की है। 1952 में हुए पहले चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी से जमुनादेवी ने जीत दर्ज की थी। वहीं 1962 में सोशलिस्ट पार्टी के ही मानसिंह यहां से विजय रहे थे।
झाबुआ नगर के 34 मतदान केंद्रों पर 62.80 फीसदी मतदान : . मतदान को लेकर जागरूकता के मामले में शहरी मतदाताओं में कुछ जागरूकता आई है। जिसका उदाहरण है कि झाबुआ शहर के 34 मतदान केंद्रों पर 62.8 0 फीसदी मतदान हुआ। यह कुल औसत मतदान के लगभग बराबर है। शहर के 18 वार्ड में कुल 25 हजार 448 मतदाता है। उम्मीद जताई जा रही थी कि कम से कम शहर में 80 प्रतिशत मतदान होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कुल 15 हजार 996 मतदाता ही मतदान केंद्रों तक पहुंचे। बाकी ने छुट्टी मनाई या पारिवारिक आयोजनों में बाहर चले गए। ऐसे में मतदान का प्रतिशत कम रहा।

सर्वाधिक 84 प्रतिशत मतदान मतदान केंद्र 79 पर : नगर के बूथ 79 पर सर्वाधिक 8 4.71 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां कुल 641 में से 543 मतदाता मतदान करने पहुंचे। वहीं मतदान केंद्र 99 पर सबसे कम 36 .23 प्रतिशत मतदान हुआ। इस केंद्र पर कुल 1 हजार 173 में से 425 मतदाताओं ने मतदान किया।

स्ट्रांग रूम में सील : झाबुआ. विधानसभा चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला इवीएम-वीवीपैट के रूप में स्ट्रांग रुम में सील हो गया। झाबुआ विधानसभा के 354 मतदान केंद्रों की इवीएम-वीवीपैट सोमवार रात 12 जमा होती रही। शाम 6 बजे से शा. पॉलिटेक्निक कॉलेज में मतदान दलों के आने का क्रम शुरू हो गया था। रात 10 बजे तक कॉलेज परिसर कर्मचारियों से भर गया। मतदान केंद्रवार अलग-अलग काउंटर पर इवीएम-वीवीपैट जमा होती रही। जिला निर्वाचन अधिकारी प्रबल सिपाहा व एसपी विनीत जैन मौजूद रहे। रात 12.30 बजे स्ट्रांग रुम सील कर दिया गया।