झाबुआ में अब हर कोई लगा रहा अपना गणित, गुरुवार को आएगा फैसला

झाबुआ का पहला विधानसभा उपचुनाव सोमवार को संपन्ना हो चुका है। चुनावी इतिहास में इसे हमेशा ऐतिहासिक चुनाव बताया जाएगा। मतदान होते ही अब परिणाम को लेकर कयास होने लगे है। हर कोई अपने गणित लगा रहा है। जीत के दावे हो रहे हैं तो फिर लीड को लेकर भी अलग-अलग विचार सामने आ रहे हैं। जनता ने अपना फैसला सुना दिया है। अपना 11वां विधायक चुनने में जनता ने उत्साह दिखाया। उनका फैसला ईवीएम में बंद हो चुका है। अब गुरुवार को यह फैसला सभी के सामने होगा, तब तक विश्लेषण चलते रहेंगे।

यह उपचुनाव लंबे समय तक याद किया जाएगा। वजह साफ है कि प्रदेश में एकमात्र सीट पर उपचुनाव हुआ। दोनों प्रमुख दलों भाजपा-कांग्रेस के सभी बड़े व लोकप्रिय नेताओं ने यहां दम लगाया। चुनाव के दौरान कई उतार-चढ़ाव भी आए। अभी तक इस तरह का चुनाव यहां कभी नहीं हुआ। पुराने दो उपचुनाव के रिकॉर्ड भी इस चुनाव ने तोड़ दिए। उपचुनाव सिर्फ कमलनाथ सरकार की सक्रियता के कारण ज्यादा चर्चाओं में आया। जब सरकार खुद मैदान में उतर गई तो विपक्ष भी कहां पीछे रहने वाला था। ऐसा लगने लगा मानो भोपाल की विधानसभा का फैसला झाबुआ में ही हो रहा है।

चारों ओर सुगबुगाहट

हर चौराहे, चौपाल व ड्रॉइंग रूम में सिर्फ चुनाव की ही चर्चा है। मतदान प्रतिशत जानने के बाद ही अलग-अलग समूह यह विश्लेषण कर रहे हैं कि कौन से प्रत्याशी को कितना फायदा या नुकसान होना है। मतदान निपटते ही एकदम से सरगर्मी छा गई है। अपने-अपने तर्क हर कोई दे रहा है। जीत के दावों में भी कोई पीछे नहीं है।

26 राउंड में होगा फैसला

गुरुवार को झाबुआ के पॉलीटेक्निक महाविद्यालय में ईवीएम जनता के फैसलों को उगलेगी। सुबह 8 बजे से ही मतगणना शुरू हो जाएगी। 26 राउंड में जनता का फैसला सामने आएगा। मोटा अनुमान यह है कि जैसे-जैसे राउंड आगे बढेंगे, वैसे-वैसे परिणाम को लेकर रोचकता भी बढ़ती जाएगी। दीपावली के पहले ही गुरुवार को झाबुआ में पर्व जैसा वातावरण बनना तय है। यह उपचुनाव दलों व नेताओं की सीधे प्रतिष्ठा से जुडा हुआ है। परिणाम का दूरगामी असर होगा।