कांग्रेस में टिकट की उठापटक खत्म होने के बाद और कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी घोषित करने के बाद गुरुवार को भूरिया के विरोधी दावेदार रहे जेवियर मेड़ा भी झाबुआ पहुंच गए। उनके घर पर सुबह से काफी समर्थन करने वाले जमा हो गए.
जेवियर आए तो उनका स्वागत किया गया। उनके साथ कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष हेमचंद डामोर भी थे। निर्दलीय चुनाव लड़ने के सवाल पर जेवियर ने कहा, आगे किसी भी कदम का निर्णय 30 तारीख को लिया जाएगा। उस दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ आ रहे हैं। हेमचंद ने भी यही कहा। प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया बोले, जेवियर ने भी मुझे टिकट देने पर सहमति दी है। हम सब साथ हैं। गुरुवार को उनकी ओर से नामांकन फॉर्म भी ले लिया गया। जेवियर ने नहीं लिया।
भूरिया बोले- मेड़ा ने भी मुझे टिकट देने पर सहमति दी, वह मेरे लिए काम करेंगे, जेवियर ने कहा- 30 को सीएम आएंगे तब तय करेंगे
जेवियर का समर्थकाें ने भी स्वागत किया।
साल 2018 में जेविआर को टिकट नहीं मिला। समर्थकों के साथ मिलकर भूरिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। परिवारवाद के आरोप लगाए और उनके घर के सामने हुए प्रदर्शन में भूरिया और दिग्विजयसिंह का पुतला फूंका। बागी बनकर निर्दलीय खड़े हुए और डॉ. विक्रांत भूरिया की हार का कारण बने। बाद में लोस चुनाव तक उनके तेवर नर्म नहीं पड़े। इस बार भी टिकट नहीं कटने तक वो दावा करते रहे, लेकिन गुरुवार को कुछ नहीं बोले। कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि वो कुछ निर्णय लेंगे, लेकिन नहीं लिया।
जब जेवियर पिछले साल अपने बेटे कांतिलाल भूरिया के खिलाफ निर्दलीय खड़े हुए तो भूरिया ने वोटिंग के फौरन बाद जेवियर व उनके साथियों को पार्टी से बाहर कर दिया। दावा किया, अब ये कभी पार्टी में नहीं आ पाएंगे। बाद में बड़े नेताओं के कहने पर जेवियर को कार्यक्रमों में बुलाया जाने लगा. बाहर से आए नेता जेवियर को बराबर तवज्जो देते थे। भूरिया की नाराजगी साफ झलकती थी। अब गुरुवार को कांतिलाल भूरिया बोले, वो हमारे और पार्टी के साथ हैं।