झाबुआ के आदिवासी अंचल के 17 वर्षीय हेमांग उड़ाएंगे इंटरनेशनल फ्लाइट

आदिवासी अंचल के युवा भी ऊंची उड़ान भरने में किसी से पीछे नहीं हैं। झाबुआ के 17 वर्षीय हेमांग सिसौदिया ने आसमान नापने का सपना छोटी सी उम्र में देख लिया था। दिसंबर में उसका सपना पूरा होने जा रहा है। जल्दी ही वे अंतरराष्ट्रीय उड़ान में को-पायलट की महत्वपूर्ण भूमिका में हवा से बात करता नजर आएंगे। इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ाने के लिए हेमांग इन दिनों फिलीपींस में प्रशिक्षण ले रहे हैं, जो दिसंबर में पूरा हो जाएगा। हेमांग को विएतनाम एयरवेज की इंटरनेशनल फ्लाइट के लिए बतौर सेकंड पायलेट जॉब ऑफर हुआ है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद वे नई जिम्मेदारी संभालेंगे। हेमांग के पिता जगदीश और मां विजयकांता सिसौदिया शासकीय स्कूल में शिक्षक हैं।

वे बताते हैं कि बेटे को बचपन से ही हवाई जहाज में दिलचस्पी रही है। होश संभालते ही जब उसने पायलेट बनने की इच्छा जाहिर की तो हमने उसे पूरा सहयोग किया। गणित विषय के साथ 12वीं की परीक्षा पास करते ही हेमांग सपना पूरा करने की दिशा में जुट गया। एविएशन और एयरोनॉटिक्स, अहमदाबाद से उसने प्रशिक्षण प्राप्त किया। बाद में नई दिल्ली से सैद्धांतिक प्रशिक्षण लिया। मई 2017 से वह फिलीपींस में इंटरनेशनल फ्लाइट उड़ाने का प्रशिक्षण ले रहा है, दिसंबर में प्रशिक्षण पूरा होते ही विएतनाम एयरवेज का जॉब ऑफर लेटर मिल जाएगा।

युवाओं को मिलेगी दिशा

आदिवासी अंचल में सामान्य तौर पर युवा परंपरागत पाठ्यक्रमों बीए, एमए, बीएससी, एमएससी, बी-कॉम, एम-कॉम में ही पढ़ाई करते आए हैं। एडवांस कोर्स के लिए कुछ युवा इंदौर और गुजरात के अहमदाबाद और सूरत का भी रुख करते हैं। वहां भी ज्यादातर युवा एमबीए और फॉर्मा की पढ़ाई के लिए ही जाते हैं। एविएशन क्षेत्र युवाओं की रुचि कम ही देखी गई है। ऐसे में हेमांग के पायलेट बनने के साथ नई शुरुआत होने जा रही है। भविष्य में अन्य युवा भी यही रोमांचक करियर ऑप्शन चुनने आगे आ सकते हैं।