क्या सच में राहुल गांधी का इतना विरोध होता है या BJP करवाती है?

नई दिल्ली। कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार राहुल गांधी अपने निर्वाचन क्षेत्र की यात्रा पर गए। राहुल गांधी को कई जगह विरोध का सामना करना पड़ा है। सोमवार को सलोन और मंगलवार को जामों में विरोध का सामना हुआ है। जामों में राहुल गांधी थोड़ी देर पैदल भी चले और लोगों से मुलाकात की। ये इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले इस तरह के विरोध का सामना कांग्रेस के नेता को नहीं करना पड़ा था।

हालांकि राहुल गांधी 2004 से ही अमेठी के सांसद है। राहुल गांधी की तरफ से कई परियोजनाओं की शुरुआत की गई थी, लेकिन यूपीए-2 जाने के बाद सब लटकी हुई है। राहुल गांधी कई बार आरोप लगा चुके हैं कि राज्य सरकारें अमेठी को लेकर भेदभाव बरत रही हैं। हालांकि राहुल गांधी ने आश्वासन दिया है कि अमेठी की रुकी सारी परियोजना दोबारा बहाल हो जाएगी। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार आएगी।

जाहिर है कि कांग्रेस की सरकार न केंद्र में है न ही प्रदेश में। कांग्रेस के प्रवक्ता और पूर्व विधायक अखिलेश प्रताप सिंह का दावा है कि लखनऊ से लेकर जहां-जहां राहुल गांधी जा रहे है वहां उनका भव्य स्वागत किया जा रहा है। विरोध सिर्फ बीजेपी प्रायोजित है। इसमें जनता की कोई भागीदारी नहीं है। लेकिन सवाल जरूर है कि क्या अमेठी में राहुल गांधी के विरोधी बढ़ रहे है जो सड़कों पर दिखाई दे रहा है?

कांग्रेस के एमएलसी दीपक सिंह जो इस वक्त विवाद का केंद्र हैं ऐसा नहीं मानते उनका कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने से जनता में उत्साह है। जनता को पता है कि विकास का काम इसलिए रुक गया है कि केंद्र में कांग्रेस की सरकार नहीं है। दीपक सिंह ने आरोप लगाया है कि प्रशासन और बीजेपी की मिलीभगत से विरोध कराया जा रहा है।

दरअसल विवाद की वजह है कि जब से केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री स्मृति इरानी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा है। तब से राहुल गांधी का विरोध मुखर हो रहा है। बीजेपी के स्थानीय नेताओ मे ताकत भी दिखाई दे रही है। लेकिन कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि बीजेपी के कुछ नेता केंद्रीय मंत्री की नजर में चढ़ने के लिए विरोध कर रहे हैं।

सलोन में राहुल गांधी का विरोध कर रहे दल बहादुर कोरी पूर्व में बीएसपी सरकार में मंत्री रहे हैं। कांग्रेस के लोगों ने आरोप लगाया है कि मंत्री बनने के लिए दल बहादुर कोरी ये सब कर रहे है। रायबरेली में पत्रकार शैलेंद्र सिंह का कहना है कि जिस तरह का विरोध बताया जा रहा है उस तरह का विरोध जमीन पर नहीं है। बल्कि बीजेपी के नेता गलत परंपरा कायम कर रहे है। इस तरह कांग्रेस के लोग भी बीजेपी के नेताओ के विरोध की शुरुआत कर सकते हैं।