यूपी में स्कूल-कॉलेजों पर संघ के कब्जे की साजिश की पोल खुली, फर्जी शासनादेश से भर्ती कराने पर 11 के खिलाफ एफआईआर

उत्तर प्रदेश में सरकारी मदद से चलने वाले महाविद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में आरएसएस अपने लोगों को नियुक्त करा रहा है. इन नियुक्तियों के लिए फर्जी सरकारी आदेश तैयार किए गए और पैसे का गबन किया गया. इस मामले में 11 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है.

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में नाकाबिल लोगों की नियुक्तियों का मामला अभी ठंडा भी नहीं पड़ा था कि सरकारी सहायता से चलने वाले संस्कृत महाविद्यालयों और संस्कृत माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर दो दर्जन से ज्यादा शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति का मामला सामने आया है. इस मामले में दो पूर्व पत्रकारों समेत एक दर्जन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है. इन पर फर्जीवाड़ा कर जाली शासनादेश तैयार करने और सरकारी पैसे के गबन समेत कई आरोप लगाये गये हैं. जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है उनमें सोनभद्र के जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात आशुलिपिक और लेखाकार समेत राबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां के कुल आठ सहायक अध्यापकों के नाम भी शामिल हैं.
 In UP, the conspiracy of conspiracy to open schools and colleges
सोनभद्र के राबर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज कराई गई एफआईआर की प्रति

एफआईआर में दर्ज नामों में हिन्दू युवा वाहिनी और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े और एक विशेष जाति समुदाय के लोगों के रिश्तेदारों के नाम भी हैं. उपलब्ध दस्तावेज और आरोपों की मानें तो इन फर्जी नियुक्तियों के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत इकाई के एक प्रभावशाली कार्यकर्ता का हाथ है जिन्होंने खुद ही फर्जी ढंग से रॉबर्ट्सगंज स्थित रॉबर्ट्सगंज संस्कृत महाविद्यालय में प्रवक्ता के पद पर नियुक्ति पाई है.
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सोनभद्र के रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में दर्ज एफआईआर के मुताबिक, जिला विद्यालय निरीक्षक राज शेखर सिंह ने 30 नवंबर को कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक को पत्र लिखा. इसमें उन्होंने तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक प्रभुराम चौहान (अब प्रवक्ता, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, औरैया), आशुलिपिक अतुल श्रीवास्तव, लेखाकर अशोक कुमार, रॉबर्ट्सगंज संस्कृत माध्यमिक विद्यालय के प्रबंधक और राष्ट्रीय संस्कृत माध्यमिक विद्यालय तरावां सोनभद्र के प्रबंधक पर अवैध ढंग से नियुक्त लिपिक एवं शिक्षकों से मिलीभगत कर फर्जी शासनादेश तैयार करने और इसके आधार पर वेतन भुगतान हासिल करने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने इस बारे में एफआईआर दर्ज करने करने की तहरीर दी.