SEBI की कार्रवाई, हेराफेरी में फसे गुजरात के सीएम विजय रूपानी पर 15 लाख का जुर्माना

विधानसभा चुनाव की गहमा गहमी में चुनाव से पहले बीजेपी और गुजरात के सीएम विजय रूपानी को एक बड़ा झटका लगा है. सेबी ने रूपानी के हिंदू अविभाजित परिवार यानी एचयूएफ खाते सहित 22 संस्थाओं और व्यक्तियों को सारंग केमिकल्स कंपनी के साथ ‘व्यापार में हेरफेर’ का दोषी ठहराया है. सेबी को जांच में पता चला कि ये सभी 22 संस्थाएं और खाते एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. इन सभी पर कुल 6.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

विजय रूपानी के एचयूएफ पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगा है. सेबी का कहना है कि जुर्माने की राशि ‘उल्लंघन के अनुरूप’ है. इन 22 नामों में दो शेयर दलाल हैं, जिनके जरिये कारोबार किया गया था. उन दोनों से भी 8-8 लाख रुपये का जुर्माना वसूला जाएगा. हेर-फेर वाले ये कथित सौदे जनवरी, 2011 से जून, 2011 के बीच किए गए थे.
27 अक्टूबर को 31 पन्ने के आदेश में महाप्रबंधक और निर्णायक अधिकारी रचना आनंद ने कहा, ‘नोटिस पाने वालों पर उल्लंघन का आरोप साबित हो चुका है और यह गंभीर उल्लंघन है. मैं मानती हूं कि उनमें से पहले से 20वें नंबर तक के निकायों पर सेबी कानून की धारा 15 एचए के अंतर्गत जुर्माना लगना चाहिए.’
in stranded in rigging  15 lakh penalty for Gujarat CM Vijay Rupani,
सेबी ने अपने आदेश में कहा, “जिन इकाइयों को नोटिस भेजे गए हैं, उन्होंने निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक-दूसरे के साथ बड़ी मात्रा में शेयर का कारोबार शुरू किया था. जब दूसरे निवेशकों ने इस फर्जी कारोबार से आकर्षित होकर इसमें पैसा लगाया तो समूह की कुछ इकाईयों ने बढ़ी हुई कीमतों पर शेयरों की बिक्री शुरू कर दी. इस तरह का कारोबार व्यवहार स्पष्ट रूप से अनुचित उद्देश्य दर्शाता है.”

ऐसे समझें पूरा मामला
1. 3 जनवरी 2011- 8 जून 2011: सांरग केमिकल्स के शेयरों की सेबी ने जांच की.

2. 13 जुलाई, 2011: बाजार नियामक ने कार्यवाही शुरू की.

3. 6 मई, 2016: गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी के एचयूएफ सहित सभी 22 संस्थाओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया, जिसका उन्होंने जवाब नहीं दिया.

4. 27 अक्टूबर,2017: सेबी ने 22 संस्थाओं के खिलाफ 6.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया, जिनमें विजय रूपानी के एचयूएफ पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगा.