ये है वो चुनावी मुद्दे जिनके बलबूते हरियाणा और महाराष्ट्र में बीजेपी के खिलाफ उतरेगी कांग्रेस

देश के दो प्रमुख राज हरियाणा और महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने प्रचार का मुद्दा था चयन कर लिया इस चुनाव में कांग्रेस बेरोजगारी और देश के आर्थिक बदहाली को लेकर दोनों राज्यों के जनता के बीच भाजपा सरकार को बेनकाब करेगी और किस तरह से रोजगार लाकर देश की आर्थिक व्यवस्था को सुधारा जा सकता है उसके बारे में बताएगी। दोनों राज्यों में बीजेपी 5 साल से सत्ता में है ऐसे में कांग्रेस हर हाल में सत्ता में वापसी करना चाहती है इसलिए ऐसे मुद्दों को उठाती है जो ज्वलंत हो और जिससे आम जनता को काफी परेशानी हो रही हो

21 अक्टूबर को दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपने अभियान में बेरोजगारी और खस्ता आर्थिक स्थिति का मुद्दा उठाएगी। वहीं लोकसभा चुनाव के दौरान प्रमुखता से राफेल लड़ाकू विमान का मुद्दा उठाने वाली पार्टी इस मुद्दे से दूर रहेगी। जम्मू एवं कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के तत्वाधान में भाजपा के राष्ट्रवाद का जवाब कांग्रेस अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत का मुद्दा उठाकर देगी।

आर्थिक संकट का मुद्दा उठाने के साथ ही कांग्रेस मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी चुनाव अभियान में उतारने का मन बना रही है।

पार्टी के एक नेता ने कहा, “कांग्रेस के अभियान का मुख्य केंद्र आम आदमी और उसके समक्ष रोजमर्रा की परेशानियां होंगी। इस दौरान किसानों की दुर्दशा और अर्थव्यवस्था की खस्ता हालत मुख्य मुद्दे होंगे।”

राहुल गांधी ने पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ दिया है, इसके बावजूद वह कांग्रेस के स्टार प्रचारक होंगे। पार्टी का मानना है कि वह अधिक से अधिक मतदाताओं को आकृष्ट कर सकते हैं।

नेता ने कहा कि हालांकि उनके कार्यक्रम पर काम किया जा रहा है, वह अपने अभियान की शुरुआत 10 अक्टूबर को करेंगे और दोनों राज्यों के अधिकतर जगहों पर रोडशो और रैली को कवर करने की कोशिश करेंगे।

राहुल गांधी की बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी स्टार प्रचारकों की सूची में हैं और वह भी दोनों राज्यों में रैलियां और रोडशो करेंगी।

पार्टी नेता ने कहा कि कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी स्वास्थ्य कारणों के चलते कुछ ही रैलियों को संबोधित करेंगी। वह प्रतिदिन एक रैली को संबोधित कर सकती हैं।

महाराष्ट्र मैं आर्थिक मुद्दा काफी प्रमुखता से उठाए जाने की संभावना है क्योंकि मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी भी कहा जाता है जबकि हरियाणा में कांग्रेस किसानों की बदहाली और बढ़ती महंगाई का मुद्दा उठाएगी खास तौर पर किसानों के साथ जिस तरह से 5 सालों में अत्याचार हुआ है उसको लेकर हरियाणा में कांग्रेस खट्टर सरकार पर आक्रामकता से हमला करेगी क्योंकि हरियाणा में किसानों की संख्या ज्यादा है।