भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने बुधवार को विपक्षी नेता के साथ ना सिर्फ मंच सांझा किया बल्कि एक तीर से कई निशाने साधकर बीजेपी की दुखती रग पर हाथ रख दिया. शॉटगन के नाम से मशहूर अपने समय के स्टार अभिनेता ने कहा कि लोगों में जीएसटी एवं नोटबंदी को लेकर लोगों में गुस्सा है और यह बात साफ है कि गुजरात विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए महज चुनाव नहीं, बल्कि एक चुनौती है.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की एक किताब पर आयोजित चर्चा में सिन्हा ने तिवारी के साथ मंच साझा करते हुए आर्थिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों पर सवाल उठाने वालों को तल्क भाषा में सवाल किया. सिन्हा ने कहा कि अगर एक वकील वित्तीय मामलों की बात कर सकता है, अगर एक टीवी अभिनेत्री मानव संसाधन विकास मंत्री बन सकती हैं और एक चायवाला …. बन सकता है… तो मैं अर्थव्यवस्था की बात क्यों नहीं कर सकता?
हालांकि भाजपा नेता ने किसी का नाम नहीं लिया, उनका इशारा साफ तौर पर वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व में एचआरडी मंत्री रहीं मौजूदा सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ था.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि सरकार को देश चलाने में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे विपक्ष के विशेषज्ञ एवं ज्ञानी लोगों एवं दूसरे लोगों से सुझाव मांगने चाहिए.
यह पूछे जाने पर कि क्या वह किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल हो सकते हैं, सिन्हा ने अपने जाने पहचाने संवाद के साथ जवाब दिया, खामोश.
सांसद ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा पर 80 साल की उम्र में नौकरी के आवेदक संबंधी तंज कसने को लेकर वित्त मंत्री की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, जेटली खुद अपनी नौकरी से हाथ धो सकते हैं लेकिन दूसरों के लिए नौकरी सुझा रहे हैं.
विपक्ष के आठ नवंबर को काला दिवस और सत्तारूढ़ भाजपा के कालाधन विरोधी दिवस मनाने की घोषणा को देखते हुए सिन्हा ने पूछा कि कालाधन कहां गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल इसी दिन नोटबंदी की घोषणा की थी. सिन्हा ने कहा, मैं उस दिन आडवाणी जी का जन्मदिन मनाऊंगा और उनसे आशीर्वाद मांगूंगा एवं मार्गदर्शन करने को कहूंगा.