हर राज्य की अलग खेल नीति की होना चाहिए : जीतू पटवारी

दिल्ली. मध्यप्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री जीतू पटवारी की राय है कि हर राज्य की अपनी खेल नीति होना चाहिए. खेल बजट बढ़ना चाहिए और खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं देकर उनका भविष्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा खेल अधोसंरचना के लिए वित्तीय सहायता के मापदंड सभी राज्यों के लिए एक जैसे नहीं होने चाहिए.

राज्यों के खेल एवं युवा कल्याण मंत्रियों के सम्मेलन में शामिल होने जीतू पटवारी भी दिल्ली आए थे. सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय खेल एवं युवा कल्याण मंत्री किरण रिजिजू ने की. बाद में न्यूज18 से पटवारी ने कहा, खेलों का विकास तभी हो सकता है जब, उसके प्रति सकारात्मक सोच हो और विशेषकर माता-पिता सहयोग करें. बिना बजट व्यवस्था के खेलों को विकास संभव नहीं है.

खेल बजट बहुत कम है
मध्य प्रदेश के खेल मंत्री जीतू पटवारी उन्होंने केन्द्र सरकार से खेलों के लिए बजट बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने कहा अभी जो बजट खेलों के लिए मिलता है उससे 10 प्रतिशत ज़रूरत भी पूरी नहीं हो पाती. पटवारी ने कहा-बजट और मानसिकता से ही खेल के लिए पूरा वातावरण बनता है और फिर उसके अच्छे नतीजे मिलते हैं. उन्होंने प्रत्येक राज्य में स्पोर्ट्स स्कूल खोलने और प्रोफेशनल रवैए की जरूरत बतायी.

नौकरी में खिलाड़ियों को जगह
जीतू पटवारी ने कहा, खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए नौकरियों में आरक्षण होना चाहिए.भविष्य सुरक्षित होने से युवा पीढ़ी खेलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होगी.पटवारी ने नेशनल गेम्स का बैकलॉग खत्म करने और चार साल के बजाए दो साल में राष्ट्रीय खेल कराने की मांग की. उन्होंने कहा खेलों को बढ़ावा देने के लिए निजी क्षेत्र का सहयोग भी ज़रूरी है. कॉरपोरेट सोशल रिसपॉस्बिलिटी 80 प्रतिशत से बढ़ाकर 90 प्रतिशत की जाना चाहिए.
नंबर वन मध्य प्रदेश

मध्यप्रदेश में खेल के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए जीतू पटवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश की खेल नीति देश के प्रथम तीन राज्यों में आती है. इसी वर्ष से मध्यप्रदेश ओलम्पिक खेलों की शुरूआत की गई है. इसके अलावा शूटिंग अकादमी और घुड़सवारी की ट्रेनिंग में पहले स्थान पर है. देश की हॉकी टीम में 30 प्रतिशत भागीदारी मध्यप्रदेश से है.