गांधीवादी आंदोलन की राह पर हैं मध्य प्रदेश के प्रोफेसर, ये हैं मुख्य मांगें

भोपाल. मध्य प्रदेश के प्रोफेसर समय पर वेतन ना मिलने से परेशान हैं. उन्हें ना तो समय पर वेतन मिल रहा है, ना ही सातवें वेतनमान के एरियर्स का ही अब तक भुगतान हुआ है. ऐसे में अब प्रोफेसर आंदोलन की राह पर हैं. प्रोफेसरों का ये आंदोलन 21 नवंबर से शुरू होकर दिसंबर के पहले सप्ताह तक चलेगा. प्रोफेसर ने 5 दिसंबर तक सरकार के जवाब का इंतज़ार करने की बात कही है.

ऐसे करेंगे आंदोलन
समय पर वेतन और सातवें वेतनमान के एरियर के भुगतान के लिए अपने इस आंदोलन के तहत पहले तो प्रोफेसर मुख्यमंत्री कमलनाथ को 21 नवंबर से 25 नवंबर तक रोजाना पोस्ट कार्ड के जरिए एरियर्स और वेतन भुगतान को लेकर ज्ञापन भेजेंगे. मांगें पूरी ना होने पर 25 से 30 नवंबर तक प्रोफेसर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे, फिर भी मांगें पूरी नहीं हुई तो प्रोफेसर 1 से 5 दिसंबर तक मौन व्रत रखकर धरना देंगे. प्रांतीय शासकीय महाविद्यालयीन प्राध्यापक संघ के प्रातांध्यक्ष कैलाश त्यागी का कहना है कि शैक्षणिक कार्य बाधित नहीं होगा. शिक्षक काम के साथ ही अपना विरोध भी जताएंगे और गांधीवादी विचारों के साथ आंदोलन कर 5 दिसंबर तक मांगें पूरी होने का इंतजार भी करेंगे.

उच्च शिक्षा मंत्री ने दिया था आश्वासन

वेतन समय पर ना मिलने से प्रोफेसर दीवाली से पहले से परेशान हैं. तब उस समय शिकायत के बाद तो महीने की सेलरी पहुंच गई लेकिन फिर आने वाले नए महीने में वेतन भुगतान की समस्या खड़ी हो गई. 30 सालों में पहली बार है जब समय पर वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है. इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है. प्रोफेसर पहले भी इस मामले को लेकर उच्च शिक्षामंत्री जीतू पटवारी से मिल चुके हैं. प्रोफेसर कैलाश त्यागी का यही कहना है कि कब तक समय पर वेतन ना मिलने की परेशानी चलती रहेगी. आखिर उच्च शिक्षा विभाग को जल्द से जल्द इस समस्या का समाधान करना होगा.