शनिवार के दिन चुनावों की घोषणा और मंगलवार के दिन चुनाव परिणाम

भोपाल। मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही मध्य प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है, वहीं इस चुनाव में जीत और हार के भी कई दावे, कई आधार और कई कयास सुनने को मिलने लगे है।

जहाँ एक तरफ चुनाव की तारीखों की घोषणा के कुछ ही घंटों के बाद आए एबीपी न्यूज़-सीएसडीएस के संयुक्त सर्वे ने मध्यप्रदेश में कांग्रेस की जीत दिखाई है वहीं इस बार सट्टा बाजार भी भाजपा की जीत को नामुमकिन मानकर ही दांव लगवा रहा है। ज्योतिषियों और भविष्य वक्ताओं की बात करें तो उनकी तरफ से भी भाजपा के लिए बहुत बड़ी “ना” पहले ही आ चुकी है। धार्मिक मुद्दों को देखें तो जहाँ कांग्रेस की राम पथ गमन यात्रा ने भाजपा से राम नाम ही छीन लिया है वहीं मध्य प्रदेश की हर ग्राम पंचायत में गौशाला बनाने का वचन देकर कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही गायों के मुद्दे पर मजबूती के साथ कांग्रेस को आगे ले जाने में कामयाब हो चुके हैं।

इन सबके बीच कल घोषित हुए मतदान कार्यक्रम ने कमलनाथ समेत पूरी कांग्रेस को इन चुनावों में महाविजय का स्पष्ट संकेत दे दिया है। दरअसल कमलनाथ जी जगजाहिर हनुमान भक्त हैं और वो समय-समय पर छिंदवाडा में रामायण पाठ, हनुमान पाठ, हनुमान स्तुती, सुन्दर कांड जैसे कई धार्मिक आयोजन करने के साथ-साथ छिंदवाडा में हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा स्थापित करने के लिए भी जाने जाते हैं। ऐसे में कल हनुमान जी के दिन शनिवार को घोषित चुनाव कार्यक्रम एवं हनुमान जी के दिन मंगलवार को मतगणना और मंगलवार को ही चुनाव परिणाम का आना हनुमान भक्त कमलनाथ के लिए शुभ-संकेत लेकर आया है।

कई जगह पर साधू-संतो को तो ये भी कहते सुना गया है की भाजपा ने भगवान राम को जो धोखा दिया है उसका बदला रामभक्त हनुमान जी लेने वाले हैं इसीलिए मध्यप्रदेश की राजनीति में परिस्थितियां कुछ इस तरह बनी की हनुमान भक्त कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाकर मध्यप्रदेश में चुनाव लड़ने और सरकार बनाने के लिए भेजा गया है।

बहरहाल चुनाव परिणाम तो 11 दिसंबर 2018 दिन मंगलवार को ही पता चलेंगे पर इसमें कोई दो राय नहीं की भाजपा की मध्यप्रदेश में इतनी बुरी स्थिति पिछले 30 सालों में कभी देखने को नहीं मिली। इस बार भाजपा से जनता के साथ-साथ भाजपा का कार्यकर्ता भी नाराज ही नहीं क्रोधित और आक्रोशित भी है।