डंपर कांड पर IAS अधिकारी ने शिवराज को लिखी चिट्ठी, पूर्व CM कांग्रेस पर बरसे

भोपाल. मध्‍य प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की सरकार के सत्ता में आते ही अधिकारी मुखर हो गए हैं. जी हां, अधिकारी अब राजनेताओं के खिलाफ खुलकर बोल रहे हैं यानी कांग्रेस सरकार में अधिकारियों की हिम्मत बढ़ती हुई नजर आ रही है. जबकि प्रदेश में डंपर कांड को लेकर रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव ने पूर्व मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को खुला पत्र लिखा है. अधिकारी की पूर्व सीएम के नाम लिखी चिट्ठी सुर्खियां बटोर रही है.

चिट्ठी में किराए के मकान को खाली कराने की बात
रीवा नगर निगम कमिश्नर सभाजीत यादव ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह को पत्र लिखकर कहा कि कुछ लोग मेरे पास आए थे और आपकी पत्नी के लिए किराए के मकान को साफ कराने को कहा था, ताकि मकान साफ होने के बाद वहां पर डंपर खड़े हो सकें. हालांकि इस पत्र को लेकर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि ये पत्र मुझे मिला ही नहीं है और जहां तक डंपर कांड का सवाल है, उसकी सच्चाई सबको पता है. डंपर कांड को लेकर सुप्रीम कोर्ट-हाईकोर्ट का फैसला सबके सामने है. कांग्रेस को आज भी सपने में भी सिर्फ शिवराज सिंह चौहान ही आता है.

शिवराज ने रीवा नगर निगम कमिश्नर की पत्नी पर की थी टिप्पणी

रीवा नगर निगम कमिश्नर ने भाजपा सरकार में खनिज मंत्री रहे राजेंद्र शुक्ला को चार करोड़ 96 लाख की रिकवरी का नोटिस भेजा था, जिसमें मंत्री ने विस्थापितों को एकीकृत आवास और मलिन बस्ती कार्यक्रम के तहत बनाए गए मकानों पर कब्जा कराया. लेकिन लोगों ने मार्जिन मनी जमा नहीं किया, जिसके चलते हुई हानि को वसूलने के लिए निगम कमिश्नर ने नोटिस भेजा था. नोटिस को लेकर रीवा दौरे के दौरान पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम कमिश्नर की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे. शिवराज ने सभाजीत यादव की पत्नी के कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने की बात भी कही थी. उस टिप्पणी के बाद अब पत्र के जरिए रीवा नगर निगम कमिश्नर ने शिवराज सिंह की पत्नी का जिक्र किया है, जिसे एक आईएएस अधिकारी का पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का पत्र के जरिए ही सही जवाब माना जा रहा है.

कांग्रेस ने कहा जांच होनी चाहिए
इस पत्र को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि जो कुछ भी नगर निगम कमिश्नर ने लिखा है वो कागज पर लिखा है. ये पत्र जांच का विषय है. अधिकारी ने जिम्मेदारी के साथ पत्र लिखा है और उसमें कोई बयान नहीं है. इसकी जांच होनी चाहिए. अगर गंभीर तथ्य है तो जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी.