झारखंड के धनंजय ने गर्भवती पत्नी को परीक्षा दिलाने चलाई 1,176 किमी स्कूटी

झारखंड का आधुनिक मांझी धनंजय कुमार, पत्नी को डीएलएड की परीक्षा दिलाने तीन दिन मोपेड चलाकर पहुंचा झारखंड से ग्वालियर।

ग्वालियर। पत्नी की याद में पहाड़ चीर देने वाले बिहार के गया जिले के दशरथ मांझी को कौन नहीं जानता, कुछ उन्हीं की तरह झारखंड के मांझी समाज के धनंजय कुमार अपनी गर्भवती पत्नी सोनी हेम्बरम को डिलेड (डि.ईएल.ईएड) द्वितीय वर्ष की परीक्षा दिलाने के लिए स्कूटी से ग्वालियर के पद्मा कन्या विद्यालय पहुंच गए।

धनंजय झारखंड के गोड्डा जिले के गांव गन्टा टोला के रहने वाले हैं। गोड्डा जिला बांग्लादेश की सीमा से बमुश्किल 150 किलोमीटर दूर है। धनंजय ने करीब 1,176 किमी स्कूटी चलाई और झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश के विभिन्न पहाड़ी-मैदानी रास्तों को पार करते हुए मप्र के ग्वालियर पहुंचे।

दंपती ने ग्वालियर में ठहरने के लिए दीनदयाल नगर में 1,500 रुपये में 10 दिन के लिए कमरा किराए पर लिया है। 11 सितंबर को परीक्षाएं संपन्न होने के बाद यह दंपती वापस स्कूटी से ही झारखंड के लिए रवाना होंगे। उधर गुरुवार को धनंजय और उनकी पत्नी की मदद के लिए समाज सेवी, नेता और मीडिया से जुड़े लोगों ने अपने कदम उठाए हैं। दोनों समय का खाना और परीक्षा के बाद घर जाने की व्यवस्था भी की जाएगी। केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के कार्यालय और कैट संस्था ने भी मदद की पेशकश की है।

बदहाल सड़कों व बिहार की बाढ़ का किया सामना

धनंजय ने बताया कि दोपहिया से इतना लंबा सफर करने से बहुत लोगों ने मना किया, काफी हद तक वे सही भी थे। रास्ते में तेज बारिश होने पर हम एक पेड़ के नीचे दो घंटे तक खड़े रहे। बिहार के भागलपुर से गुजरते समय बाढ़ का सामना करना पड़ा। विभिन्न शहर व गांवों की बदहाल सड़कों से गुजरे। गड्ढों के कारण काफी परेशानी हुई। मुजफ्फरपुर में एक रात लॉज में और लखनऊ में एक रात टोल टैक्स बैरियर पर भी रुके।