गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 89 सीटों के लिए मतदान जारी है. वोटिंग सुबह 8 बजे से शुरू हुआ है, जो और शाम पांच बजे तक चलेगा. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के 19 जिलों में 89 सीटों पर पहले चरण में मतदान हो रहा है. इसके लिए कुल 977 उम्मीदवार मैदान में हैं. सुबह 10 बजे तक 9.77 फीसदी मतदान हुआ है. मतदाताओं में जबर्दस्त उत्साह देखा जा रहा है.
इस बीच मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात चुनाव के पहले चरण में 100 से अधिक EVM मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं. कांग्रेस नेता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि वह इस बात की शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने NDTV से कहा कि गुजरात में 24000 से अधिक मतदान केंद्र है, जिनमें से 7 या 8 बूथों पर इस प्रकार की समस्या आई. उन्होंने कहा कि हमारे पास रिजर्व में कई मशीनें हैं और संबंधित अधिकारी लगातार जांच कर रहे हैं.
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में सूरत के वरच्छा में चुनाव आयोग के मास्टर ट्रेनर विपुल गोटी ने बताया कि हमने दो EVM और एक VVPAT बदलीं हैं. इसे कोई तकनीकी खराबी नहीं कह सकते, ये इलेक्ट्रॉनिक सामान है, इसमें कुछ दिक्कत हो सकती है. अब सब ठीक है और वोटिंग शुरू हो चुकी है. मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतें मिलने के बाद एक बार फिर ईवीएम की जगह बैलेट पेपर के मतदान कराने की मांग जोर पकड़ता जा रहा है.
बता दें कि विपक्षी पार्टियां पिछले कुछ समय से लगातार बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग रही हैं. गुजरात में कड़े मुकाबले वाले दूसरे चरण के लिए मतदान 14 दिसंबर को होगा, जबकि मतगणना 18 दिसंबर को होगी. इन चुनावों के जरिए बीजेपी जहां पांचवी बार सत्ता के गलियारों में वापसी की उम्मीद लगाए है, वहीं कांग्रेस इस चुनाव को अपना खोया आधार वापस पाने के मौके के तौर पर देख रही है. चुनाव अधिकारियों के मुताबिक कुल 24,689 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
आज जिन सीटों पर चुनाव हो रहा है वहां 2,12,31,652 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे. मतदाताओं में 1,11,05,933 पुरुष 1,01,25,472 महिलाएं शामिल हैं. जबकि 247 मतदाता किन्नर (थर्ड जेंडर) हैं. बता दें कि गुजरात विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार (7 दिसंबर) शाम समाप्त हो गया.
मुख्य प्रतिद्वंदी बीजेपी और कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के दौरान जाति, धर्म जैसे भावनात्मक मुद्दों और विकास सहित तमाम विषयों पर एक दूसरे को घेरा. चुनाव को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई बताया जा रहा है, जबकि जल्द ही कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभालने जा रहे राहुल गांधी के लिए यह एक अग्निपरीक्षा है.