मध्यप्रदेश : नसबंदी के बाद पैदा हुई बेटी, मुआवजे के लिए अर्धनग्न होकर अनशन पर बैठा पीड़ित

भोपाल। मध्यप्रदेश के सतना में नसबंदी फेल होने पर एक व्य़क्ति को इतना आघात लगा है कि वो अर्धनग्न हो मुआवजे के लिए अन्न जल त्याग कर अनशन पर बैठ गया। दरअसल नसबंदी के बाद भी तीन महीने पहले उसके तीसरी संतान के रूप में एक बेटी का जन्म हुआ है। यह बच्ची कुपोषित है और उसके पिता का कहना है कि उसके पास इतनी धनराशि नहीं है कि वह बेटी का उपचार करा सके और पालन पोषण कर सके। बेबस पिता इसको चिकित्सा विभाग की घोर लापरवाही बता रहा है।

मिली जानकारी के मुताबिक, बारी खुर्द निवासी पीड़ित सुमित कुमार साकेत ने छोटा परिवार- सुखी परिवार की लालसा में अपनी नसबंदी कराई थी। नसबंदी के बावजूद कुछ माह बाद ही 14 दिसंबर को जिला अस्पताल में उसकी पत्नी के एक बेटी पैदा हुई। सभी जांच पड़ताल कराने के बाद डॉक्टर का कहना है कि नसबंदी फेल होने के कारण ऐसा हुआ। बेटी पैदा होने के साथ इस बार उसने पत्नी की भी नसबंदी कर दी।

बारी खुर्द निवासी सुमित रोज जिला स्वास्थ विभाग के चक्कर काट रहा है। ताकि अपनी शिकाय़त दर्ज करा दोषी चिकित्सक के खिलाफ दावा कर सके। लेकिन जब उसको रोज टाला जाने लगा तो हताश होकर अर्धनग्न अवस्था में अनशन पर बैठ गया। सुमित ने अन्न जल त्याग दिया है। पीड़ित की मानें तो सरकार ने पैसा स्वीकृत कर दिया और अब हड़ताल का बहाना बताकर राशि देने में आनाकानी की जा रही है। बेटी बीमार है। ऐसे में वो तबतक अनशन पर बैठा रहेगा, जब तक उसको धनराशि नहीं मिल जाती। वह जिला कलक्ट्रेट से नहीं जाएगा।

इस मामले में जिला स्वास्थ्य अधिकारी छुट्टी का हवाला देकर कुछ बोलने को तैयार नहीं। अकेले सतना जिले में बीते साल नसबंदी फेल होने के 97 मामले सामने आए हैं। सरकार ने ऐसे मामलों में बतौर हर्जाना 30 हजार रुपए की राशि एक माह के अंदर देने का नियम बना रखा है। लेकिन हकीकत यह है कि पीड़ित लोग परेशान हो रहे हैं।