संसद में कोविड इफेक्ट: सभी ने पहना मास्क, चीन के मुद्दे पर विपक्ष का वॉकआउट

Parliament Session COVID 19: संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्ष लगातार चीन को लेकर चर्चा की मांग पर अड़ा है. गुरुवार 22 दिसंबर को भी संसद सत्र हंगामेदार रहा. विपक्ष ने पहले से ही सरकार को घेरने की तैयारी की थी, सत्र शुरू होते ही चीन पर चर्चा की मांग होने लगी, विपक्षी सांसद नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद कार्यवाही को रोकना पड़ा. वहीं संसद सत्र में कोरोना का भी असर देखने को मिला. दोनों ही सदनों में सांसद मास्क के साथ नजर आए. लोकसभा स्पीकर ने भी सांसदों से मास्क पहनने की अपील की. 

विपक्षी सांसदों ने किया वॉकआउट
संसद में पिछले कई दिनों से चल रहा बवाल आज भी जारी रहा. रणनीति पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के चैंबर में विपक्ष के नेता से मुलाकात की. जिसके बाद कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने चीनी घुसपैठ पर सरकार से चर्चा की मांग की. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी और मनीष तिवारी ने चीन के साथ सीमा की स्थिति पर चर्चा के लिए राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया था. हालांकि इस पर चर्चा नहीं हो पाई. जिसके बाद राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने वॉकआउट कर दिया. वहीं विपक्ष के हंगामे के बाद लोकसभा की कार्यवाही को भी कुछ देर के लिए स्थगित कर दिया गया.

खरगे के सवाल गोयल का जवाब
इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम चीन पर चर्चा चाहते हैं और पीयूष गोयल से माफी चाहते हैं. खरगे ने कहा कि आप हमारी बात से परेशान हो रहे हैं, आप  हमसे अकेले में बात करेंगे तो देश को पता नहीं चलेगा. इस पर पीयूष गोयल ने कहा कि खरगे जो मुद्दा उठा रहे हैं उस पर पहले  भी बताया जा चुका है कि इतिहास में ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा नहीं हुई है. रक्षा मंत्री विस्तार से सदन को जानकारी दे चुके हैं. 

पीयूष गोयल ने कहा कि 1962 में इन्हीं के पार्टी से आए प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश का अगर एक हिस्सा अलग हो गया तो क्या बड़ी बात है क्योंकि वहां पर तो घास का एक तिनका भी नहीं उगता है. पीयूष गोयल ने एक बार फिर राजीव गांधी फाउंडेशन का मुद्दा राज्यसभा में उठाया. गोयल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मेरा बिहार या बिहारियों के अपमान की कोई मंशा नहीं थी. बता दें कि गोयल ने इससे पहले अपने एक बयान में कहा था कि “इनका बस चले तो पूरे देश को बिहार बना देंगे.”

संसद में कोरोना को लेकर सावधानी
संसद के शीतकालीन सत्र में हंगामे की गर्मी के बीच कोरोना का असर भी नजर आया. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने सदन में प्रवेश कर रहे सभी सांसदों मंत्रियों और अधिकारियों के लिए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया. जो भी सांसद बिना मास्क पहने अंदर जा रहे थे उन्हें मास्क दिया जा रहा था. लोकसभा अध्यक्ष ने सतर्कता और सावधनी बरतने की अपील की, उन्होंने कहा कि पिछले अनुभवों को देखते हुए सावधानी बरतना जरूरी है. राज्यसभा में भी तमाम सांसद मास्क पहने हुए नजर आए, वहीं सभापति भी मास्क पहने हुए थे.