सैलाना नगर परिषद में कांग्रेस ने अपना कब्जा बरकरार रखा

रतलाम। जिले की सैलाना नगर परिषद के चुनाव में कांग्रेस ने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनों ही पदों पर अपना कब्जा बरकरार रखा। विपक्षी दल भाजपा ने काफी प्रयास किए लेकिन उसे सफलता नहीं मिली। मंगलवार को हुए निर्वाचन में अध्यक्ष चेतन्य शुक्ला को 9 मत प्राप्त हुए, जबकि भाजपा समर्थित निर्दलीय विशाल धबाई को छह: मत मिले। तीन मतों से कांग्रेस उम्मीदवार चतेन्य शुक्ला ने जीत दर्ज की। उपाध्यक्ष पद पर भी कांग्रेस प्रत्याशी सुनीता पाठक ने भाजपा केे कुलदीप कुमावत को तीन मतों से पराजित कर चुन ली गई।

विगत कई दिनों से नगर परिषद के अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर जोड़-तोड़ की चर्चाएं चल रही थी और यह भी कयास लगाए जा रहेे थे कि भाजपा जोड़-तोड़ कर अपना वोट बना लेगी, इसके प्रयास भी चल रहेे थे लेकिन कांग्रेस की रणनीति ने उन्हें विफल कर दिया। परिषद में कांग्रेस केे 9 पार्षद थे इसमें से एक भी पार्षद नहीं टूटा, निर्दलीय रुप से चुनाव जीते वीडी ग्रुप के विशाल धबाई को भाजपा ने अपना समर्थन दिया और अध्यक्ष का चुनाव लड़वाया, लेकिन उन्हें केवल छ: वोट ही मिले। धबाई के साथ ही उनकी पत्नी भी निर्दलीय रुप से चुनाव जीती है।

निर्वाचन की घोषणा के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ढोल-ढमाकों के साथ विजय जुलूस निकाला, जिसका मार्ग में जगह-जगह विधायक हर्ष विजय गेहलोत, अध्यक्ष चेतन्य शुक्ला, उपाध्यक्ष सुनीता पाठक एवं पार्षदों का जोरदार स्वागत किया गया।

नगर परिषद केे अध्यक्ष/उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर काफी तनाव सा माहौल था। पूरे सैलाना को पुलिस छावनी बना दिया गया था। जिले के कई अधिकारी यहां तैनात थे। कांग्रेस नेताओं ने भाजपा व जिला प्रशासन पर कई गंभीर आरोप भी लगाए और कहा कि कांग्रेस के पार्षदों को तोडऩे का प्रयास किया गया। येेन-केन प्रकारेण भाजपा का वोट बनाने की कोशिश की गई लेेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।

सारे हथकंडे अपनाने के बाद भी बीजेपी को सफलता नहीं मिली-पारस सकलेचा

पूर्व विधायक एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पारस सकलेचा ने बयान जारी कर कहा कि भाजपा ने चुनाव में पूरी ताकत लगाने के साथ ही प्रशासन भी भाजपा के एजेंट की तरह कार्य करता रहा। लेकिन उसके बाद भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी और कोई भी चाल कामयाब नहीं हुई। प्रशासन ने पहले वार्ड नंबर 15 से विजयी प्रत्याशी मंगलेश कसेरा का चुनाव निरस्त करने के लिये गैर कानूनी नोटिस जारी किया। उसके बाद वार्ड नंबर 5 से विजयी उम्मीदवार जगदीश पाटीदार की दुकान को तोडऩे का नोटिस दिया। जब इन दोनों में सफलता नहीं मिली तो वार्ड क्रमांक 4 से विजयी उम्मीदवार चैतन्य उर्फ लक्की शुक्ला के खिलाफ सुरेंद्र मेहता के जानकारी छिपाने के आवेदन को नियम के वितरित स्वीकार कर नोटिस इश्यू क्यों किया?