चुनाव आयोग की कोविड-19 गाइड लाइन पर कांग्रेस ने जताया एतराज

मध्य प्रदेश में अक्टूबर में उपचुनाव होने की संभावना है. उससे पहले आज चुनाव आयोग ने कोविड-19 के लिए कई तरह के प्रावधान किए हैं. ताकि चुनाव के दौरान पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कर लिया जाए।

चुनाव आयोग ने देशभर सहित एमपी की 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए Covid-19 की गाइड लाइन जारी की हैं. लेकिन इसमें पोस्टल बैलेट को लेकर कांग्रेस खुश नहीं. वो अब चुनाव आयोग में अपनी आपत्ति दर्ज कराएगी.

देश भर में होने वाले चुनाव और उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कॉविड-19 की गाइड लाइन जारी की हैं. इसके मुताबिक उम्मीदवार को जमानत की राशि ऑनलाइन देने सहित डोर टू डोर कैंपेन के लिए 5 लोग साथ रखने की इजाज़त होगी. मतदाताओं को मतदाता रजिस्टर पर हस्ताक्षर और ईवीएम का बटन दबाने से पहले  ग्लब्स दिए जाएंगे. पब्लिक मीटिंग और रोड शो की अनुमति गृह मंत्रालय और राज्यों के निर्देश पर ही मिल सकेगी. चुनाव प्रक्रिया के दौरान सैनेटाइजर, फेस शील्ड, थर्मल स्कैनर का इस्तेमाल जरूरी होगा. नामांकन के दौरान भी उम्मीदवार के साथ सिर्फ दो लोग और दो गाड़ियां ले जाने की इजाज़त होगी.

कांग्रेस को एतराज़
लेकिन पोस्टल बैलट की सुविधा को लेकर कांग्रेस ने एतराज जताया है. कांग्रेस का कहना है वोटिंग के लिए सभी को एक समान अधिकार दिया जाना चाहिए. पूरा उप चुनाव पोस्टल बैलेट के जरिए ही कराया जाना चाहिए. कांग्रेस अपनी इस आपत्ति को चुनाव आयोग के सामने दर्ज कराएगी. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कांग्रेस चुनाव आयोग से लगातार मांग कर रही है कि उपचुनाव बैलेट पेपर के जरिए कराया जाना चाहिए. अब जबकि चुनाव आयोग जरूरी सेवाओं से जुड़े लोग और कोरोना पोजिटिव को सुविधा दे रहा है तो ऐसे में पूरा उपचुनाव पोस्टल बैलट से कराया जाना चाहिए. सभी के लिए एक समान नियम तय करना चाहिए.

दरअसल चुनाव आयोग ने पोस्टल बैलेट की सुविधा उन लोगों के लिए रखी है जिसमें दिव्यांग, 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाता और आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोग शामिल हैं. लेकिन कांग्रेस को इस पर आपत्ति है. उसकी मांग है कि कोरोना संक्रमण के इस दौर में बैलेट पेपर की छूट सबको होना चाहिए