स्पीकर के खिलाफ कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव खारिज, बजट सत्र का 6 दिन पहले समापन

मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इसके साथ ही बजट सत्र का तय अवधि से 6 दिन पहले ही समापन हो गया है। मंगलवार को सदन में बजट भी पारित हो गया।

इससे पहले स्पीकर गिरीश गौतम के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बहस हुई। लंच ब्रेक से पहले स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए 27 मार्च की तारीख दी। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसे नियम विरुद्ध बताते हुए आपत्ति जताई। सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा स्पीकर से सहमत नहीं दिखे। कहा- अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास नहीं आ सकता। मैं बीजेपी की ओर से प्रस्ताव कर रहा हूं कि इस अविश्वास प्रस्ताव को अस्वीकृत किया जाए।

पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने भी कहा कि संकल्प नियमों के विपरीत हो, तो उस पर कोई चर्चा नहीं हो सकती। पहले दिन और अंतिम दिन चर्चा नहीं हो सकती। ऐसे में स्पीकर ने बीजेपी के प्रस्ताव पर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से हां/न कराई। बीजेपी का प्रस्ताव स्वीकृत हो गया। बजट भी पारित हुआ। कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। इससे पहले महू की घटना को लेकर कांग्रेस ने वॉकआउट किया।

प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का मुद्दा उठाया था। सदन में उन्होंने कहा- कांग्रेस विधायकों ने अविश्वास प्रस्ताव रखा। 14 दिन के अंदर निर्णय किया जाना चाहिए। स्पीकर ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव 10.30 बजे के बाद आया। इस समय तक मैं सदन में आ चुका था। मैंने लिख दिया- अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार योग्य नहीं है। फिर भी मैं 27 मार्च को चर्चा के लिए तैयार हूं।

स्पीकर के तारीख देने पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा आपत्ति जताते हुए बोले- यह गलत परंपरा पड़ जाएगी। आपने सहृदयता दिखाते हुए चर्चा के लिए समय दिया, लेकिन यह नियम प्रकिया के तहत नहीं है, क्योंकि कभी भी विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव नहीं आता है, संकल्प लाया जाता है। पीडब्लूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने भी तारीख देने पर आपत्ति जताते हुए कहा- भावना में आकर हम नियमों को ताक पर न रखें। हमारा निवेदन है कि यह गलत नजीर न बने।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह बोले- मैंने कहा कि संकल्प है, लेकिन मानने से इनकार कर दिया। तानाशाही तरीके से सदन समाप्त करने का षड्यंत्र रचा है। विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा- 3 मार्च को प्रमुख सचिव को लिखा- मध्यप्रदेश विधानसभा प्रक्रिया तथा कार्य संचालन नियम के तहत अध्यक्ष को पद से हटाने के लिए संकल्प की सूचना दी है। बीजेपी बोल रही है कि संकल्प नहीं है, यह संकल्प ही है।

आज विधायक कृष्णा गौर सभापति

आज प्रश्नकाल में गोविंदपुरा (भोपाल) से विधायक कृष्णा गौर को सभापति बनाया। महिला दिवस के उपलक्ष्य में स्पीकर गिरीश गौतम ने यह फैसला किया। महिला दिवस पर अवकाश था। सदन की 6 महिला सदस्यों (राजश्री रुद्र प्रताप सिंह, झूमा सोलंकी, हिना कावरे, कल्पना वर्मा, रामबाई, डॉ. विजयलक्ष्‍मी साधौ) ने सवाल किए। स्पीकर के इस फैसले पर सज्जन वर्मा बोले- महिलाओं पर अत्याचार में भी प्रदेश नंबर-1 है। महेश्वर से कांग्रेस विधायक विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा- यहां सदन में महिला सम्मान की बात हो रही, दूसरी और बाहर शूद्र, पशु, नारी… किया जा रहा है।

महू की घटना पर कांग्रेस का वॉकआउट

प्रश्नकाल के बाद कांग्रेस ने महू में आदिवासी युवती की रेप के बाद हत्या और पुलिस फायरिंग में आदिवासी युवक की मौत का मामला उछाला। इसके बाद कांग्रेस विधायक सदन से वॉकआउट कर गए। विधानसभा के गर्भगृह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ नारेबाजी की। धार के मनावर से विधायक हीरालाल अलावा ने कहा, रिपोर्ट में बोल रहे हैं कि करंट से मौत हुई, जबकि हकीकत यह है कि युवती के साथ गैंगरेप हुआ। उसका मर्डर किया गया। अभी तक हत्या का केस दर्ज नहीं हुआ। विजयलक्ष्मी साधो ने कहा, प्रदेश में दलित, शोषित और गरीब की हत्या हो रही है।