कांग्रेस ने पूछा- हमें तो PM जाने भी नहीं देते, विदेशी सांसद क्यों जा रहे कश्मीर?

यूरोपीय सांसदों के जम्मू और कश्मीर दौरे को लेकर सियासी तकरार शुरू हो गई है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस मसले पर मोदी सरकार से पूछा है कि प्रधानमंत्री उन्हें तो घाटी जाने नहीं देते हैं। ऐसे में विदेशी सांसदों वहां क्यों और कैसे जा रहे हैं?

सोमवार (28 अक्टूबर, 2019) को INC प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, “यूरोपीय सांसदों के कश्मीर दौरे के दो पहलू हैं। पहला- किसी भी दूसरे राष्ट्र या फिर विदेश के सदस्य या सांसद को जम्मू और कश्मीर में दखल देने का अधिकार नहीं है। यह देश का आंतरिक मामला है।”

शेरगिल ने दूसरा पहलू बताया, “देश (खासकर विपक्ष) यह जानना चाहता है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय जम्मू और कश्मीर में उन विदेशी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को ठहरा सकता है और बाकी व्यवस्थाएं करा सकता है, तब फिर विपक्ष के साथ ठीक ऐसा बर्ताव क्यों नहीं किया जा रहा है? आखिरकार केंद्र जम्मू और कश्मीर जाने को लेकर विपक्ष को ही निशाने पर क्यों लेता है?”

इसी बीच, राज्यसभा से BJP सांसद और पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा कि यह चीज राष्ट्रीय नीति से समझौता है। सोमवार (28 अक्टूबर, 2019) को उन्होंने ट्वीट किया, “मैं अचंभित हूं कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के सांसदों को जम्मू और कश्मीर के घाटी
वाले इलाके में जाने के लिए व्यवस्था की है। वह भी तब, जब वह अकेले जाएंगे और यह कोई European Union का आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल नहीं होगा। यह हमारी राष्ट्रीय नीति से समझौता है। मेरी सरकार से अपील है कि वह इस दौरे को रद्द करे, क्योंकि यह अनैतिक है।”

उधर, पीएम ने सोमवार को यूरोपीय सांसदों से संवाद किया और कहा कि आंतक या फिर आतंकियों को मदद करने वाले या वैसी गतिविधियों को बढ़ाला देने वालों के खिलाफ तत्काल कड़ा ऐक्शन होना चाहिए। आतंक को बिल्कुल भी नहीं सहा जाना चाहिए।

PMO के बयान में कहा गया, मोदी ने उम्मीद जताई कि सांसदों का देश के विभिन्न हिस्सों का दौरा उपयोगी होगा और जम्मू कश्मीर की यात्रा से उन्हें जम्मू, कश्मीर और लद्दाख क्षेत्रों की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता की बेहतर समझ हो सकेगी।