मध्यप्रदेश में परिवर्तन का आगाज, नगरीय निकाय चुनाव में हुआ BJP का सूपड़ा साफ

भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव सिर पर है तो वही इससे पहले सूबे की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव और उपचुनाव में भाजपा पुराने चुनावों जैसी सफलता दोहराने में नाकाम रही है।

वही इस चुनाव में सूबे के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की प्रतिष्ठा दावं पर लगी हुई थी। भाजपा ने इन चुनाव को जितने के लिए खुद मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को सड़क पर उतार दिया था। सीएम चौहान ने जगह जगह पार्टी के पक्ष में प्रचार प्रसार किया लेकिन भारतीय जनता पार्टी इन सभी प्रयासों में नाकाम रही है वही ऐसा माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में अब सीएम शिवराजसिंह की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से नीचे गिर रहा है।

राघोगढ़ नगरपालिका चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था लेकिन फिर भी बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी है। गुना‍ जिले के राघौगढ़ नगर पालिका चुनाव में बीजेपी को 24 में से सिर्फ 4 वार्डों में जीत मिली है। वहीं कांग्रेस ने 24 में से 20 वार्डों में जीत दर्ज की है। इसके साथ ही कांग्रेस ने नगर पालिका परिषद पर अपना कब्जा भी जमा लिया है। यहां अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार आरती शर्मा ने बीजेपी उम्मीदवार मायादेवी अग्रवाल को 5 हजार वोटों से हराया।

राघौगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह का गृह क्षेत्र है। यहां नगर पालिका चुनाव की कमान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह के हाथ में थी। नगर पालिका चुनाव में दिग्विजय सिंह का किला भेदने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राघौगढ़ में जमकर चुनाव प्रचार किया था। 12 जनवरी को राघौगढ़ में सीएम शिवराज सिंह चौहान के चुनाव प्रचार के बाद कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता यहां भिड़ गए थे। इसके बाद भी मामला शांत नहीं होने पर पुलिस को इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।

कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के गृह क्षेत्र राघौगढ़ के अलावा धार और बड़वानी में भी कांग्रेस को खासी सफलता मिली है। वही अंजड़ में अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई, यहा सभी 15 वार्डों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की। भाजपा का यहां सूपड़ा साफ हो गया है। वही धार जिले के 9 नगरीय निकाय चुनावों में इस बार कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए पांच अध्यक्ष पदों पर कब्जा कर लिया है। अधिकांश जगह नगर सरकार की सत्ता का तख्ता पलट हुआ है। धार सहित मनावर, राजगढ़, सरदारपुर, धरमपुरी सभी में कांग्रेस ने भाजपा से सत्ता छीनी है। वहीं भाजपा ने पीथमपुर सहित डही, कुक्षी, धामनोद में सत्ता पर कब्जा जमाया है।

25 दिसंबर से चल रही कवायद के बाद 20 जनवरी को चुनाव नतीजे आए। इसमें बदलाव की बयार चली है। दरअसल जिन स्थानों पर भाजपा का कब्जा था, वहां उसे बागियों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है। जिला मुख्यालय पर प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार पर्वत सिंह चौहान विजय रहे। वहीं राजगढ़ और सरदारपुर में भी कांग्रेस ने भारी मतों से जीत हासिल की है। मनावर नगर पालिका में भी कांग्रेस को जीत हासिल हुई है।

आचार संहिता लगने के साथ ही चुनावी गतिविधयां शुरू हो गई थी। 17 जनवरी को मतदान हुए। इसमें सबसे प्रतिष्ठापूर्ण मुकाबला धार में हुआ। यहां भाजपा के अनिल जैन बाबा को टिकट दिया गया था, लेकिन भाजपा के ही वरिष्ठ नेता अशोक जैन निर्दलीय रूप से मैदान में उतर गए थे। उन्होंने भाजपा को काफी नुकसान पहुंचाया। यही वजह रही कि यहां करीब 19 साल बाद हाथ का पंजा उठकर ऊपर आया है और कांग्रेस के प्रत्याशी पर्वतसिंह चौहान विजय रहे हैं।