कांग्रेस ने ब्यौरा सार्वजनिक करने की मांग की, आरोप है खाने के पैकेट व टेंट पर करोड़ों खर्च किए

बच्चों की ड्रेस में भी गड़बड़ी की तैयारी, बाहरी सप्लायरों को फायदा पहुंचाने का आरोप

झाबुआ कोरोना की रोकथाम और मजदूरों को अपने घर भेजने के काम में जिला प्रशासन द्वारा किए गए खर्च पर अब बवाल शुरू हो गया है। कांग्रेस ने फर्जी खर्च के आरोप लगाए। इस दौरान किए खर्च का पूरा हिसाब-किताब सार्वजनिक करने की मांग की। मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने कलेक्टर से मिलकर मांग रखी। इसके अलावा गणवेश वितरण के लिए होने जा रहे टेंडर की प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। आरोप लगाया, इंदौर-भोपाल के सप्लायरों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। टेंडर प्रक्रिया में ऐसी शर्तें रखी गईं जो यहां के व्यापारी पूरी नहीं कर सकते।

आपको बता दें, गणवेश वितरण का काम लगभग साढ़े 11 करोड़ रुपए का है। इनके अलावा मनरेगा में फर्जी मजदूरी भुगतान और ग्रामीणों के राशन में गड़बड़ी की बात भी कही। मंगलवार को कलेक्टोरेट पर जिला विकास समन्वय एवं निगरानी समिति (दिशा) की बैठक के पहले डॉ. विक्रांत भूरिया के साथ दर्जनों कांग्रेसी कलेक्टर कार्यालय पहुंचे। बोले, हम लगातार जनता के पैसों में हो रही गड़बड़ी का विराेध करेंगे। इस दौरान यहां साबिर फिटवेल, रशीद कुरैशी, गौरव सक्सेना, हर्ष भट्‌ट, ऋषि डोडियार, हर्ष जैन, विजय भाबर, अविनाश डोडियार, जितेंद्र शाह, रोहित हटीला आदि मौजूद थे।

ये है आरोप

विक्रांत भूरिया ने आरोप लगाया, प्रशासन ने भाजपा नेताओं के साथ मिलकर काेरोना की आपदा को अपना अवसर बनाया। करोड़ों रुपए खर्च बताया गया। इसकी जानकारी मांगी तो कलेक्टर सूचना के अधिकार में आवेदन देने का कह रहे हैं। अगर सब काम ईमानदारी से हुआ तो इसे बताने में क्यों डर रहे हैं। जिले की जनता को जानने का अधिकार है और प्रशासन को सबको बताना चाहिए कि कहां, कितना खर्च हुआ।