झाबुआ के बाद अब प्रदेश में होगा प्रयोग, कांग्रेस बनाएगी 10 बूथ पर एक क्षेत्रीय कमेटी

भोपाल : कांग्रेस भी अब भाजपा की तरह बूथ मैनेजमेंट पर फोकस कर रही है। इस बूथ मैनेजमेंट पर काम सिर्फ चुनाव के समय नहीं बल्कि पूरे पांच साल होगा। कांग्रेस अब मंडलम,सेक्टर से नीचे भी अपनी कमेटी बनाने की तैयारी कर रही है। इसे क्षेत्रीय कमेटी कहा जाएगा जो दस बूथ का जिम्मा संभालेगी। कांग्रेस नए सिरे से संगठन की जमावट कर रही है जिसमें क्षेत्रीय कमेटी का फार्मूला लागू किया जाएगा।

पार्टी को लगता है कि प्रदेश हर कभी चुनाव के मूड में रहता है। विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव आ जाते हैं। लोकसभा के बाद निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव,मंडी चुनाव और सहकारिता चुनाव जैसे प्रदेश स्तर के चुनावों का मौसम चलता रहता है। पार्टी हर समय चुनावों के लिए तैयार रहने वाला संगठन खड़ा करना चाहती है। क्षेत्रीय कमेटी का प्रयोग झाबुआ उपचुनाव में किया गया था जिसका परिणाम अपेक्षा से भी बेहतर आया है। अब पार्टी इसे प्रदेश में लागू करने जा रही है।

इस तरह रहेगी क्षेत्रीय कमेटी :

एक क्षेत्रीय कमेटी दस बूथों के उपर बनाई जाएगी। इस तरह एक विधानसभा में करीब 25 क्षेत्रीय कमेटी का गठन होगा। क्षेत्रीय कमेटी का एक प्रभारी रहेगा। कांग्रेस को चुनाव के समय ये बात देखने में आई है कि जिला अध्यक्ष का सीधा संपर्क बूथ से नहीं हो पाता। जिससे चुनाव सामग्री से लेकर पार्टी की रणनीति बूथ तक क्रियान्वित नहीं हो पाती। इस खाई को पाटने के लिए क्षेत्रीय कमेटी का गठन किया जा रहा है।

क्षेत्रीय कमेटी प्रभारी जिला अध्यक्ष से संपर्क में रहेगा। इतना ही नहीं चुनाव के समय जो भी प्रभारी रहेंगे वे सीधे क्षेत्रीय कमेटी प्रभारी के संपर्क में रहेंगे। इस तरह हर बूथ की रणनीति पर पार्टी की मंशा के हिसाब से काम किया जा सकता है। झाबुआ में खुद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने समय-समय पर इन क्षेत्रीय कमेटी के प्रभारियों से बात की थी इसीलिए इस उपचुनाव में बूथ मैनेजमेंट में कांग्रेस ने भाजपा को पीछे छोड़ दिया था।

वर्जन :

– क्षेत्रीय कमेटी बनाने का प्रयोग झाबुआ उपचुनाव में बेहद सफल रहा था। आने वाले समय में नए सिरे से जब पीसीसी का गठन होगा तब इस प्रकार की क्षेत्रीय कमेटी बनाने पर विचार किया जा सकता है। – राजीव सिंह प्रदेश महामंत्री,कांग्रेस –