भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले बुदनी में अनुसूचित जाति छात्रावास में एक छात्र की मौत से हड़कंप मच गया है. छात्र की मौत के बाद हॉस्टल का निरीक्षण करने पहुंचे शिवराज ने कमलनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने हॉस्टल की अव्यवस्थाओं पर 25 नवंबर को एसडीएम दफ्तर में जनता की अदालत लगाने का ऐलान किया है. साथ ही उन्होंने हॉस्टल की अव्यवस्थाओं के लिए सीधे तौर पर एमपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है.
जबकि इस मामले पर कांग्रेस सरकार ने शिवराज पर पलटवार किया है. सीएम कमलनाथ के निर्देश पर हॉस्टल का निरीक्षण करने पहुंचे मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने निरीक्षण नहीं करने और लंबे समय से चली आ रही अव्यवस्थाओं को जिम्मेदार बताया है. आपको बता दें कि बुदनी के हॉस्टल में तीन दिन पहले एक छात्र श्रवण पवार की मौत हो गई थी.
शिवराज ने किया निरीक्षण
शिवराज सिंह चौहान ने हॉस्टल का निरीक्षण किया और इस दौरान उन्हें काफी अव्यवस्था मिली थी. शिवराज को गंदे बिस्तर से लेकर लाइट नहीं होने तक की शिकायत मौके पर मिली, लेकिन अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार कौन है. इसको लेकर अब बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ रहे हैं.
मंत्री जी ने दिया ये आदेश
हालांकि छात्र श्रवण पवार की मौत के मामले में मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने जांच के निर्देश कलेक्टर को दिए हैं. साथ ही मृतक छात्र के परिजनों को चार लाख की मदद देने की बात कही है. मंत्री ने छात्र की मौत पर हॉस्टल अधीक्षक को सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं.
बहरहाल, छात्र श्रवण कुमार की मौत के बाद बीजेपी और कांग्रेस आमने सामने हैं, लेकिन इस घटना ने हॉस्टलों की अव्यवस्थाओं की पोल खोल कर रख दी है. भारी भरकम बजट के बाद भी प्रशासन की नजर नहीं है और छात्रों का बुनियादी जरूरतों के लिए परेशान होने के मामले ने सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं.