2019 में फिर सरकार बनाने का सपना देख BJP का राजस्थान में कांग्रेस ने किया सूपड़ा साफ

नई दिल्ली। 2018 में राजस्थान के विधानसभा चुनाव और 2019 में लोकसभा चुनाव को जीतने का दावा करने वाली देश की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। राजस्थान और पश्चिम बंगाल में हुए 3 लोकसभा और 2 विधानसभा की सीटों पर उपचुनाव के नतीजों में बीजेपी का सूपड़ा साफ हो गया है।

राजस्थान में कांग्रेस ने बीजेपी के विजय रथ का पहिया रोक दिया है तो वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी ‘दीदी’ का बनाया हुआ किला नहीं भेद सकी। पश्चिम बंगाल में लगातार अपनी जड़े जमाने की जुगत में लगी बीजेपी उपचुनाव में हार गई है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को नोआपाड़ा विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की है।

हालांकि बीजेपी के लिए राहत वाली खबर ये है कि वह यहां दूसरे नंबर की पार्टी बनकर उभरी है। उलूबेरिया लोकसभा सीट से टीएमसी उम्मीदवार साजिदा अहमद ने बीजेपी उम्मीदवार अनुपम मलिक को बड़े अंतर से हरा दिया। यह सीट टीएमसी सांसद सुल्तान अहमद के निधन से खाली हुई थी। टीएमसी ने उनकी पत्नी साजिदा अहमद को यहां से अपना प्रत्याशी बनाया था। वहीं, नवापाड़ा विधानसभा सीट पर भी टीएमसी ने भारी मतों से जीत दर्ज की है।

वही देश की धरोहर राजस्थान में फिलहाल बीजेपी की सरकार है लेकिन उपचुनाव के नतीजे पार्टी के लिए खतरे की घंटी हैं, वहीं कांग्रेस के लिए यह बड़ी खुशखबरी है। राजस्थान में लोकसभा के दो और विधानसभा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में मांडलगढ़ विधानसभा एवं अजमेर और अलवर लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर ली है।

राजस्थान में सुबह से ही दोनों लोकसभा सीटों पर कांग्रेस बढ़त बनाए हुए थी। मांडलगढ़ विधानसभा सीट पर शुरुआत में कांटे की टक्कर के बाद कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी उम्मीदवार पर निर्णायक बढ़त बनाई और अंत में जीत दर्ज की। अजमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रघु शर्मा ने बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने यहां से बीजेपी के रामस्वरुप लांबा को चुनाव हराया है। लांबा दिवंगत बीजेपी नेता सांवर लाल जाट के बेटे हैं, जिनके निधन से यह सीट खाली हुई थी।

अजमेर को बीजेपी का गढ़ माना जाता रहा है, क्योंकि बीते 8 लोकसभा चुनावों में 6 बार यहां से बीजेपी ने जीत हासिल की है। कद्दावर जाट नेता रहे सांवरलाल जाट की मौत के बाद इस सीट पर उपचुनाव की घोषणा के बाद माना जा रहा था कि सचिन पायलट ही यहां से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन, पायलट ने रघु शर्मा को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी के किले में बड़ी सेंध लगा दी। रघु शर्मा अजमेर जिले के एक छोटे से गांव सावर के रहने वाले हैं। उन्होंने एलएलबी और एमबीए के साथ ही पीएचडी की भी शिक्षा ली है।