बीजेपी से हुई बड़ी चूक गरीबों के बिजली बिल जलाने में, जानिए क्या है पूरा मामला

मप्र की राजधानी भोपाल में बीजेपी नेताओं ने बढ़े हुए बिल के विरोध में जमकर प्रदर्शन किया है। भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर बिजली के बिलों को जलाने में जुटे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जो बिल जलाए वह दरअसल गरीबों के बिल नही थे। बीजेपी ने जो बिल जलाए हैं वह सरकारी मकानों के थे। निकाय चुनाव से पहले बिजली, पानी और सड़कों की लड़ाई में बीजेपी का दांव उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है।

दरअसल, बीजेपी जिलाध्यक्ष विकास विरानी और पूर्व विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह तमाम नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर रोशनपुरा चौराहे पर गरीबों के बिजली के बढ़े हुए बिलों के विरोध में इकट्ठा हुए थे। उन्होंने जो बिल जलाए हैं वह गरीबों के बढ़े हुए बिल नही थे, बल्कि सरकारी क्वार्टर के थे। सूत्रों के मुताबिक जिस मकान का बिल जलाया गया उसके मालिक ने पिछले महीने एडवांस में ही बिल जमा कर दिया था। बिल की पड़ताल करने के बाद पता चला कि जिस घर का बिल जलाया गया है उसका बिल इस महीने माइनस में आया है। ऐसे में एमपी में सियासी पारा चढ़ गया है। वहीं कांग्रेस ने बीजेपी को विरोध के लिए विरोध की राजनीति न करने की सलाह दी है।

बता दें कि मध्य प्रदेश में संबल योजना के तहत पूर्व की शिवराज सरकार ने 200 रुपए में गरीबों को अनलिमिटेड बिजली देने की योजना चलाई थी। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद सत्ता में आई कांग्रेस ने अपने वचन पत्र के तहत गरीबों को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली बिल देने का प्रावधान कर दिया। बाद में ये प्रावधान सभी के लिए लागू कर दिया गया। जिसका बीजीपी ने विरोध किया है। बीजेपी का कहना है कि 100 यूनिट बिजली जलना आज की तारीख में आम बात है लिहाजा गरीबों को 200 रुपए में ही अनलिमिटिड बिजली दी जाए।