प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आज सूरत में रैली है और इसके साथ ही गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए पहले दौर के प्रचार पर वह विराम लगाएंगे. उनकी पिछली तमाम रैलियों में भीड़ कम होने की वजह से बीजेपी नेतृत्व ने सूरत रैली को सफल बनाने के लिए सारे पत्ते खोल दिए हैं. खासतौर से कल धानधुखा और दाहोद में मोदी की रैलियों में खाली कुर्सियों और लोगों द्वारा कथित तौर पर फेंकू-फेंकू चिल्लाने के वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद से बीजेपी नेतृत्व ने सारा जोर आज की रैली को सफल बनाने पर लगा दिया है.
इसके लिए बकायदा कल यानी 6 दिसंबर को बीजेपी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष जीतू वाधानी ने हीरे व्यापारियों और टेक्सटाइल व्यापारियों के साथ बैठक की. एक बड़े हीरे व्यापारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि इस बैठक में यह आश्वासन दिया गया कि 18 दिसंबर को जो जीएसटी काउंसिल की बैठक होनी है, उसमें इन व्यापारियों की तमाम परेशानियों का हल निकाल लिया जाएगा. लिहाजा वे बीजेपी का विरोध बंद कर दें.
ये सारे व्यापारी पाटीदार समाज के थे और इन्होंने अभी तक तकरीबन खुलकर हार्दिक पटेल का समर्थन किया था. यह बैठक किरण हॉस्पीटल में हुई. गौरतलब है कि अस्पताल पाटीदार आरोग्य ट्रस्ट का है, जिसका विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल में किया था.
इसके बाद इन व्यापारियों को एक लिस्ट पकड़ाई गई, जिसमें यह लिखा था कि किसे अपने कितने कर्मचारी आज 7 दिसंबर की सूरत रैली के लिए लाने हैं. यह लिस्ट खुद इस संवाददाता ने देखी. इसे फिर बाकी छोटे व्यापारियों को बांटा गया.
बकायदा यह भी योजना बनाई गई कि कौन किस चौराहे पर अपनी फैक्ट्री के कितने मजदूरों को बीजेपी के खेस (कमल छाप मफलर) के साथ लेकर आएगा. प्रमुख रूप से ये उन्ही इलाकों में मजदूरों को जुटाएंगे, जहां फैक्ट्रियां हैं, जैसे सूरत का वाराछा रोड, कतरगाम आदि.इस तरह से आज बीजेपी समर्थक मालिकों की फैक्ट्रियों में काम नहीं होगा, या आधे दिन का काम होगा. इस बारे में जब संवाददाता ने हीरे व्यापारी और जीआईईपीसी के रीजननल चेयरमैन दिनेश नावडिया से बात की तो उन्होंने कहा कि वह हमारे प्रधानमंत्री हैं और हमारे शहर आ रहे हैं, तो लोग तो उन्हें देखने आएंगे ही.
वैसे भी नरेंद्र मोदी की रैली बीजेपी के गढ़ लिम्बायत विधानसभा क्षेत्र में है, जो बीजेपी सांसद और मोदी के खास करीबी सी आर पाटिल का इलाका है. लेकिन लगातार मोदी की रैलियों में खाली कुर्सियों से जो माहौल खराब हुआ है, उसे ठीक करने की यह अंतिम कोशिश आज बीजेपी पहले दौर की अपनी अंतिम रैली में करने जा रही है. उत्तर प्रदेश , राजस्थान से विधायक, सांसद, पार्षदों से लेकर पूरा बीजेपी नेतृत्व सूरत में उतरा हुआ है.