कांग्रेस ने आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि गुजरात सरकार अडानी और एस्सार समेत कई निजी बिजली कंपनियों ने दस गुना दाम पर बिजली खरीदकर चंपू पूंजीवाद यानी क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दे रही है.
बता दें कि गुजरात की बीजेपी सरकार पिछले कई वर्षों से निजी बिजली कंपनियों से दस गुना दामों पर बिजली खरीद रही है. 2002 से 2016 के बीच बीते 14 वर्षों में गुजरात ने चार निजी कंपनियों से ₹62,549 करोड़ की बिजली खरीदी है. इन कंपनियों में अडानी समूह की कंपनी भी शामिल है. इतना ही नहीं गुजरात सरकार ने सरकारी बिजली कंपनियों के उत्पादन में भी करीब 70 फीसदी तक की कमी कर दी है, जिससे निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके. यह आरोप गुरुवार को कांग्रेस ने आंकड़ों के साथ अहमदाबाद में एक प्रेस कांफ्रेंस में लगाए.
Who benefits – Only four private power companies – Adani, ESSAR, Tata and China Light Power from whom expensive power is purchased at the cost of people of Gujarat.#BJP_का_बिजली_घोटाला
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) November 30, 2017
कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया कि वह चंपू पूंजीवाद यानी क्रोनी कैपिटलिज्म को बढ़ावा दे रही है. कांग्रेस प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी रंदीप सुरजेवाला ने अहमदाबाद में कहा कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए बीजेपी सरकार उनसे ₹25.67 प्रति यूनिट बिजली खरीद रही है, जबकि सरकारी एनटीपीसी मात्र ₹2.88 से 3.17 प्रति यूनिट बिजली देती है.
गुजरात की भाजपा सरकार का नारा है-
'प्राईवेट कंपनियों की जेबें भर दी भारी, बिलों का झटका भुगते गुजरात की जनता सारी'
प्राईवेट बिजली ख़रीद से 4 प्राईवेट बिजली कंपनियों को मुनाफ़ा कमवाने के तथ्यों से एक व्यापक 'बिजली ख़रीद घोटाले' की बू आ रही है.#गुजरात_मांगे_जवाब
हमारा वक्तव्य- pic.twitter.com/T651jctKwr
— Randeep S Surjewala (@rssurjewala) November 30, 2017
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी बिजली कंपनियों का उत्पादन घटा दिया गया. इसे राज्य की बिजली संरचना में पद्धतीय कमी बताते हुए कांग्रेस ने कहा कि गुजरात सरकार के पॉवर प्लांट की क्षमता 8,641 मेगावाट होने के बावजूद वहां बीते तीन साल में सिर्फ 33 से 38 फीसदी तक ही उत्पादन किया गया.