पीएम नरेन्द्र मोदी का गृहराज्य होने की वजह से गुजरात विधानसभा के चुनाव बीजेपी-कांग्रेस के लिए खासे महत्व वाले हैं. इसलिए दोनों पार्टियां साम-दाम-दंड-भेद का इस्तेमाल करके हर हाल में गुजरात की सत्ता अपने हाथ में लेना चाहती हैं.
चुनाव सर पर हैं ऐसे समय में दोनों पार्टियों के लिए एक-एक बयान और मुद्दे का महत्व खास होता जा रहा है. फिलहाल अपने एक मंत्री के बयान से बीजेपी परेशानी में दिख रही है. जहां कट्टरपंथी धड़ा इस बयान को लेकर सकारात्मक है वहीं अन्य भाजपाई इस पर कुछ बोलना नहीं चाहते.
गुजरात के खेल मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी का एक कथित विडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में वह कह रहे हैं कि वह बीजेपी का विरोध करने वालों को फांसी पर चढ़ाना चाहते हैं. राओपुर से विधायक और खेल मंत्री विडियो में कहते नजर आ रहे हैं कि पार्टी ने भले ही उन्हें दोबार टिकट न दिया हो, लेकिन उन्हें पार्टी के खिलाफ बोलने वालों को सूली पर चढ़ाने की इजाजत चाहिए.
इस बारे में जब राजेंद्र त्रिवेदी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं. उन्होंने बताया कि जब वह पार्षद थे तो राज्य के बीजेपी अध्यक्ष काशीराम राणा ने उन्हें पार्टी को बदनाम करने वालों को ढूंढने और उन्हें सबक सिखाने का काम सौंपा था.
बता दें कि वडोदरा में कुछ ऐसे मामले सामने आए थे, जब पार्टी के लोगों के बीच कुछ खास तरह के पर्चे बांटे जाने की बात सामने आई थी. द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, अधिकतर चिट्ठियों की शक्ल में बंट रहे इन कागजात में पार्टी के कुछ अहम नेताओं के चरित्र पर आरोप लगाए गए थे.
माना जा रहा है कि त्रिवेदी इन पर्चों को लेकर बेहद खफा हैं. पार्टी के सामने समस्या यह है कि वह कोई कार्रवाई नहीं कर सकती क्योंकि इनके पीछे के लोगों की पहचान करना बहुत मुश्किल है. सिब्बल ने कहा, हम सुनवाई अदालत में एक निजी शिकायत करेंगे और अदालत से फिर से जांच करवाने को कहेंगे. आरोप लगाने वाला ही अब आरोपी बन जाएगा. आरोपपत्र दाखिल करने वाले के विरुद्ध आरोपपत्र दायर किया जाएगा.