बिहार भाजपा के नेता ये नहीं तय कर पा रहे है कि जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार देशद्रोही हैं या नहीं. इस मुद्दे पर बेगूसराय में पार्टी के एक कार्यक्रम में जमकर हंगामा भी हुआ. बेगूसराय से भाजपा के सांसद भोला सिंह ने खुलेआम दो बार कहा कि कन्हैया कहीं से देशद्रोही नहीं हैं, जैसा कि उनकी पार्टी (भाजपा) के नेता कहते रहे हैं. भोला सिंह ने अपने ही पार्टी के नेताओं और केंद्र सरकार को चुनौती भी दे डाली कि कन्हैया अगर देशद्रोही हैं, तब उन पर वो कार्रवाई क्यों नहीं करते.
आखिर वह बाहर कैसे हैं, उन्हें तो जेल में होना चाहिए. भोला सिंह इस मुद्दे पर अपने ही पार्टी के नेताओं का विरोध झेल रहे हैं. लेकिन इनका साफ तौर पर एक ही तर्क है कि जब दिल्ली पुलिस से लेकर सीबीआई तक ने कन्हैया के मामले में उनके खिलाफ जांच और चार्जशीट में देशद्रोह की धारा नहीं लगाई, तब उन्हें देशद्रोही कैसे कहा जा सकता है.
दरअसल भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व राज्यपाल कैलाशपति मिश्र की 5वीं पुण्यतिथि के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में भोला सिंह ने जेएनयू स्टूडेंट यूनियन के पूर्व प्रेसिडेंट कन्हैया कुमार की तारीफ कर दी. उन्होंने कन्हैया की तुलना ‘शहीदे आजम’ भगत सिंह से भी कर दी थी. सिंह द्वारा बेगूसराय के ही निवासी कन्हैया की तारीफ करने की देर भर थी कि सभा में पहुंचे सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए. जमकर हंगामा हुआ. शोर-शराबा के कारण नौबत ऐसी हो गई कि सांसद भोला सिंह अपनी पूरी बात नहीं कह पाए और उन्हें बीच में ही उठकर जाना पड़ा.
वहीं पार्टी के विधान पार्षद रजनीश कुमार जो बेगूसराय शहर से आते हैं और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं, वो कन्हैया को देशद्रोही मानते हैं. अपने इस आरोप के समर्थन में उनका कहना हैं कि चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कन्हैया को देशद्रोही मानते हैं, तब इस मुद्दे पर बहस की गुंजाइश ही नहीं है. रजनीश, भोला सिंह के विरोधी गुट के हैं. उन्हें मालूम हैं कि अगले चुनाव में उम्र का हवाला देकर पार्टी शायद भोला सिंह को टिकट न दे, इसलिए वो उसमें अपने लिए एक मौका देख रहे हैं.
वामपंथी दलों ने कन्हैया को अभी से बेगूसराय संसदीय क्षेत्र से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. ये सीट परम्परागत वामपंथी दलों का गढ़ रहा है. माना जाता हैं कि लालू यादव की पार्टी आरजेडी और कांग्रेस को भी कन्हैया की उम्मीदवारी से परहेज नहीं होगा. फिलहाल भाजपा की समस्या है कि उनकी पार्टी के सांसद के अलग रास्ते पर चलने से जनता के बीच अच्छा संदेश नहीं गया है, क्योंकि भोला सिंह अगर आज अपने तेवर दिखा रहे हैं, तो भविष्य में चुप रहेंगे इसकी कोई गारंटी नहीं ले सकता.