कांग्रेस के नारे- ‘बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ चाहिए’ से बढ़ी प्रदेश की सियासी हलचल

भोपाल. मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बिकाऊ नहीं टिकाऊ विधायकों का होगा। जिसे लेकर कांग्रेस भी जनता के बीच जाने की पूरी तैयारी कर चुकी है और इसी के चलते कांग्रेस ने एक नया नारा दिया है। कांग्रेस ने ‘बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ चाहिए’ का नारा दिया है। वहीं, कांग्रेस के इस नारे से प्रदेश की सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बीते 15 अगस्त को प्रदेश की जनता को लुभाने के लिए बड़े बड़े वादे तो ​किये हैं लेकिन बिकाउ और टिकाउ के बीच जंग का तोड़ उनके पास भी नजर नहीं आ रहा है।

congress new slogan before by election bikau nahi tikau chahiye


27 विधानसभा सीटों वाले इलाकों में कांग्रेस ने अब इस नारे को भुनाना शुरू कर दिया है। यही नहीं कांग्रेस पार्टी ने इस नारे के स्लोगन वाले मास्क उपचुनाव वाले क्षेत्रों में बांटना शुरु कर दिये हैं। इन मास्क पर यही स्लोगन लिखा है, जिसमें कहा गया है, बिकाऊ नहीं टिकाऊ चाहिए, फिर से कमलनाथ चाहिए। दरअसल, प्रदेश के 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में 25 सीटें ऐसी हैं, जहां पर कांग्रेस के विधायकों ने दल बदल कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। ऐसे में अब कांग्रेस इन दल बदलने वाले विधायकों पर भाजपा के हाथों बिकने का आरोप लगा रही है। इन्हीं आरोपों के जरिये कांग्रेस उप-चुनाव के रण में उतरने की रणनीति बना रही है।
 
ये बात तो सभी जानते हैं कि, देश में होने वाले कोई भी चुनाव से पहले दल बदलने की परंपरा पुरानी है। लेकिन 2018 के चुनाव में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस खेमे से 25 विधायकों के दल बदलने का मामला देश में पहली बार देखने को मिला। विधायकों के दल बदलने का झटका कांग्रेस को सत्ता से हाथ धोकर गवाना पड़ा। अब कांग्रेस पार्टी ने इसी मुद्दे के सहारे दल बदलने वाले चेहरों की घेराबंदी करने की रणनीति बना रही है, जिसे लेकर अब प्रदेश की सियासत गर्मा गई है।