जेल की सलाखों से बाहर आते ही दृष्टिहीन दिव्यांग शिवराज सरकार के खिलाफ फिर धरने पर बैठे

भोपाल। शिवराज सरकार के लिए दिव्यांग इन दिनों परेशानी का सबब बन रहे हैं क्योंकि प्रशासन द्वारा बलपूर्वक हटाये जाने के बाद दृष्टिबाधित दिव्यांग फिर से नीलम पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। उनका समर्थन करने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता भी पहुंच गये हैं। एक बार फिर 23 सूत्रीय मांगों को लेकर दृष्टिहीन दिव्यांग नीलम पार्क में धरने पर बैठ गए हैं। करीब 26 दिन से धरना देकर क्रमिक आमरण अनशन करने वाले प्रदर्शनकारियों को प्रशासन ने बलपूर्वक हटा दिया था, पर जैसे ही दृष्टिहीनों को जेल से छोड़ा गया, वापस वो दोबारा नीलम पार्क में पहुंचकर धरने पर बैठ गये, उनके वहां पहुंचते ही कई संगठन उनका समर्थन करने पहुंच गये।

कांग्रेस ने भी समर्थन देते हुए सरकार से उनकी मांगों का जल्द से जल्द निराकरण करने की मांग की। दिव्यांग दृष्टिहीन बेरोजगार संघ ने कहा कि मांगें पूरी नहीं होने तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। संघ का कहना है कि सरकार न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए दिव्यांगों को रोजगार उपलब्ध कराये। वहीं प्रदर्शनकारियों ने दोहराया कि जिन प्रदर्शनकारियों की हालत आमरण अनशन के दौरान बिगड़ी थी, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना था, लेकिन जिला प्रशासन ने उनको घसीटकर गाड़ी में बैठाया जोकि ठीक नहीं।

आपको बता दें कि धरना दे रहे दिव्यांगों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया था। इससे पहले वो जलसत्याग्रह भी कर चुके हैं। उनकी संख्या कम है लेकिन उनकी संघर्ष शक्ति काफी ज्यादा है। अब तो यह तय हो गया कि शिवराज सिंह सरकार को उनकी जिद के आगे झुकना ही होगा। यदि सरकार भी अपनी जिद पर अड़ी रही तो काफी अप्रिय परिणाम सामने आ सकते हैं।