ग्वालियर जिले में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के प्रति प्रशासन का रवैया अचानक बदला, मरीज परेशान

ग्वालियर। ग्वालियर जिले में कोरोनावायरस से संक्रमित मरीजों के प्रति प्रशासन का रवैया अचानक बदल गया है। शायद संक्रमित मरीजों को सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज करना बंद कर दिया गया है। यही कारण है कि जिन लोगों को होम आइसोलेट किया जा रहा है, उनके दरवाजे पर COVID-19 की सूचना वाला पर्चा तक नहीं चिपकाया जा रहा। केवल फोन पर बताया जा रहा है कि आप की रिपोर्ट पॉजिटिव है।

सिर्फ एक फोन आया, बताया आपकी रिपोर्ट पॉजिटिव है

दो दिन पहले लश्कर निवासी युवक की कोरोना रिपोर्ट पॉजीटिव आई थी। पॉजीटिव आने के बाद संबधित क्षेत्र के इंसीडेंट कमांडेट की टीम के सदस्य का फोन आया तो युवक ने बताया कि उसमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं है इसलिए उसने होम आइसोलेशन की बात कही और उसे होम आइसोलेशन कर की अनुमति दे दी गई।

कोरोना संक्रमित मरीज के घर पर ना पोस्टर चिपकाया, ना सामग्री भेजी

होम आइसोलेशन होने के बारह घंटे बाद भी जब उसके घर को कंटेनमेंट जोन नहीं बनाया तो युवक ने स्वंय ही कंट्रोल रूम फोन कर कंटेनमेंट जोन बनाने का अनुरोध किया लेकिन प्रशासनिक टीम उसके घर नहीं पहुंची और न ही उसके घर पर कोविड का पोस्टर चस्पा किया गया है। लापरवाही का आलम यह है कि सिर्फ मोबाइल पर काउंसिलिंग देकर ही खानापूर्ति की जा रही है। 

कांटेक्ट हिस्ट्री तो भूल ही गया प्रशासन

कांटेक्ट हिस्ट्री के मामले तो प्रशासन जैसे भूल ही गया है। हालांकि डीएम कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्र में मिलने वाले मरीजों की कांटेक्ट हिस्ट्री का पताकर उनकी सैंपलिंग करने की जिम्मेदारी सौंप रखी है लेकिन कुछ दिन ध्यान देने के बाद अब पॉजीटिव मरीजों से कांटेक्ट हिस्ट्री भी पता नहीं की जा रही है इससे संक्रमण और तेजी से फैल रहा है।