दूसरी बार राष्ट्रपति बनने को तैयार थे अब्दुल कलाम लेकिन इस वजह से हटे थे पीछे, जानिए 10 बातें

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की जयंती 15 अक्टूबर को मनाई जाती है. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था. मिसाइल मैन अब्दुल कलाम भारत के 11वें राष्ट्रपति और जाने माने वैज्ञानिक थे. अब्दुल कलाम को बच्चोंं से खास लगाव था. उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र को समर्पित कर दिया था. उन्होंने मुख्य रूप से एक वैज्ञानिक के रूप में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में काम किया. 1962 में से जुड़ने के बाद अब्दुल कलाम ने सफलतापूर्वक कई उपग्रह प्रक्षेपण परियोजनाओं में अपनी भूमिका निभाई. डॉ कलाम ने भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) को विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में महत्वपूर्ण योगदान दिया. SLV-III ने जुलाई 1980 में पृथ्वी की कक्षा के निकट में रोहिणी उपग्रह को सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया, जिसके बाद भारत स्पेस क्लब का विशेष सदस्य बना.

अब्दुल कलाम के जीवन से जुड़ी 10 बातें

1. पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम में हुआ था. 

2. एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार से आने वाले कलाम के पिता मछुआरों को नाव किराये पर दिया करते थे.  

3. अब्दुल कलाम ने अपनी बायोग्राफी में लिखा- ”जब पिताजी ने लकड़ी की नौकाएं बनाने का काम शुरू किया, उस समय मैं 6 साल का था. ये नौकाएं तीर्थसात्रियों को रामेश्वरम् से धनुषकोडि (सेथुकाराई भी कहा जाता है) तक लाने-ले जाने के काम आती थीं. पिताजी का कारोबार काफी अच्छा चल रहा था. एक दिन सौ मील प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली और समुद्र में तूफान आ गया. तूफान में सेथुक्काराई के कुछ लोग और हमारी नावें बह गईं. उसी में पामबान पुल भी टूट गया और यात्रियों से भरी ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गई. तब तक मैंने सिर्फ समुद्र की खूबसूरती को ही देखा था. उसकी अपार एवं अनियंत्रित ऊर्जा ने मुझे हतप्रभ कर दिया.”

4. अब्दुल कलाम (Abdul Kalam) ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार तक बेचा थे. उन्होंने 1950 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. जिसके बाद उन्होंने भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया. 

5. भारत को बैलेस्टिक मिसाइल और लॉन्चिंग टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने के कारण ही एपीजे अब्दुल कलाम का नाम मिसाइल मैन पड़ा. 1982 में कलाम को डीआरडीएल (डिफेंस रिसर्च डेवलपमेंट लेबोरेट्री) का डायरेक्टर बनाया गया. जिसके बाद कलाम ने तब के रक्षामंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. वीएस अरुणाचलम के साथ इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम (आईजीएमडीपी) का प्रस्ताव तैयार किया. इसी की बदौलत उन्होंने भारत के लिए पृथ्वी, त्रिशूल, आकाश, नाग, ब्रह्मोस समेत कई मिसाइल बनाईं. देश की पहली मिसाइल कलाम की देख रेख में ही बनी थी.

6. कलाम ने 1974 में भारत द्वारा पहले मूल परमाणु परीक्षण के बाद दूसरी बार 1998 में भारत के पोखरण-द्वितीय परमाणु परीक्षण में एक निर्णायक, संगठनात्मक, तकनीकी और राजनैतिक भूमिका निभाई. इस परीक्षण ने भारत को परमाणु ताकत बनाया था.

7. कलाम सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस दोनों के समर्थन के साथ 2002 में भारत के राष्ट्रपति चुने गए. पांच वर्ष की अवधि की सेवा के बाद, वह शिक्षा, लेखन और सार्वजनिक सेवा के अपने नागरिक जीवन में लौट आए.

8. पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम 2012 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार थे. लेकिन कांग्रेस की तरफ से समर्थन नहीं मिलने के कारण वह पीछे हट गए थे. इतिहासकार राजमोहन गांधी ने अपनी किताब ‘मॉडर्न साउथ इंडिया: ए हिस्ट्री फ्रॉम दि सेवेन्टीन्थ सेंचुरी टु आवर टाइम्स’ में लिखा है- ”भाजपा और तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ राजनीतिक पार्टियों ने 2012 में कलाम के सामने राष्ट्रपति के तौर पर दूसरे कार्यकाल का प्रस्ताव रखा और वह तैयार भी थे, लेकिन कांग्रेस एवं उसकी सहयोगी पार्टियों को यह विचार पसंद नहीं आया. संख्याबल की कमी से वाकिफ कलाम चुनाव में खड़े नहीं हुए.”

9. कलाम वैज्ञानिक जरूर थे लेकिन वह साहित्य में खास रुचि रखते थे. उन्होंने कई कविताएं भी लिखीं. उन्होंने कई किताबें लिखी थीं. 

10. उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया था. 27 जुलाई, 2015 को शिलांग में उनका निधन हो गया था.